चीन के साथ विवाद पर बोलें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी : भारत ने कभी भी पड़ोसी मुल्कों की जमीन को कब्जा नहीं किया

चीन के साथ विवाद पर नितिन गडकरी बोले- हमने कभी भी नहीं की पड़ोसी मुल्कों की जमीन छीनने की कोशिश

पूर्वी लद्दाख में वास्वतिक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन से चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमने कभी भी पड़ोसी मुल्कों से उनकी जमीन छीनने की कोशिश नहीं और ना ही हम ऐसा चाहते हैं। उन्होंने कहा, "हमारे देश के एक तरफ पाकिस्तान है, तो दूसरी तरफ चीन। हम शांति और अहिंसा चाहते हैं। हमने कभी भूटान या बांग्लादेश की जमीन को छीनने की कोशिश नहीं की। हम पाकिस्तान या चीन की जमीन भी नहीं चाहते हैं। केवल एक चीज जो हम चाहते हैं वह है शांति।"

 केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी : भारत ने कभी भी पड़ोसी मुल्कों की जमीन को कब्जा नहीं किया , इसके साथ ही उन्होंने भारत पर बुरी नजर रखनेवाले आतंकियों को चेतावनी दी। गडकरी ने कहा, "आज आतंकवादियों को पता है कि अगर देश में कुछ करेंगे तो उनका हाल क्या होगा। ऐसी देश में सामर्थ्यवान और सक्षम सरकार जो आतंकवाद को कुचल सकती है वो हमारी सरकार है।"


रविवार (14 जून) को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से 'गुजरात जनसंवाद रैली' को संबोधित करने के दौरान गडकरी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ की। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने 70 साल से गरीबी हटाओ का नारा दिया, लेकिन देश के गरीब, किसान, मजदूर की गरीबी नहीं दूर हुई, बल्कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं की गरीबी जरूर दूर हुई।"

नितिन गडकरी के भाषण के मुख्य अंश
1. नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम सभी मिलकर कोरोना संकट से मुकाबला करेंगे और इस संकट पर हम जीत हासिल करेंगे। देश में कोरोना के लिए वैक्सीन पर बहुत तेजी से काम हो रहा है। हमारे वैज्ञानिक और दुनिया के वैज्ञानिक रात दिन काम कर रहे हैं।

2. आत्मविश्वास, सेल्फ कॉन्फिडेंस और पॉजिटिविटी के साथ कोरोना संकट का हम मिलकर मुकाबला करेंगे। हम जीतेंगे, जीत हासिल करेंगे और कोरोना को परास्त करेंगे।

3. जनसंघ से लेकर हमारे विचार परिवार के लोगों ने जो उपेक्षा, अपमान सहन किया, जिस प्रकार की यातनाएं सहन की और एक सपने के लिए अपना जीवन न्यौछावर किया। ये विजय उन कार्यकर्ताओं के बलिदान और समर्पण के कारण है।

4. इतिहास के बारे में कहा जाता है कि गद्दी पर बैठ कर इत्र और गुलाब की सुगंध में इतिहास लिखा नहीं जाता, इतिहास बलिदान, समर्पण से लिखा जाता है। भारतीय जनता पार्टी की यही परंपरा रही है।

5. 1947 के बाद देश में समाजवाद, पूंजीवाद और साम्यवाद इन तीन विचारों पर पार्टियां काम करती थी। समाजवादी समाप्त हो गए, पूंजीवादी पार्टी समाप्त हो गई और कम्यूनिस्टों की भी हालत खराब हो गई।

6. देश का इंफ्रास्ट्रक्चर, वॉटर, पावर, ट्रांसपोर्ट, कम्यूनिकेशन, इंडस्ट्री सब बदल रहा है। देश में नए रोजगार का निर्माण हो रहा है। देश का एक्सपोर्ट बढ़ाना है और इंपोर्ट कम करना है, देश को आत्मनिर्भर बनाना है ये ही प्रधानमंत्री जी का संदेश है।

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