LAC सीमा विवाद : 18 दिन के बाद गुरुवार की सुबह अचानक लद्दाख पहुंचे PM मोदी , पीएम मोदी ने बढ़ाया जवानों का हौसला 26 मिनट तक दिया संबोधन,

KESHARI NEWS24

लद्दाख. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गलवान झड़प के 18 दिन के बाद गुरुवार सुबह अचानक लद्दाख पहुंचे। यहां 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नीमू में फॉरवर्ड लोकेशन पर जवानों से मिले। उनका हौसला बढ़ाने के लिए 26 मिनट तक स्पीच दी। भारत माता की जय के नारे लगाए और रामधारी सिंह दिनकर की कविता की दो पंक्तियां पढ़ीं-  ‘‘उनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल, कलम आज उनकी जय बोल।’’ 

चीन की नीतियों को मोदी ने चुनौती देने के लिए लद्दाख की इस फॉरवर्ड लोकेशन को चुना और कहा- विस्तारवाद ने ही मानव जाति का विनाश किया, इतिहास बताता है कि ऐसी ताकतें मिट गईं।

26 मिनट की स्पीच में मोदी के 6 संदेश

• देश के सेना एवं सैनिकों का शौर्य अतुलनीय,

आपका ये हौसला, आपका शौर्य और आपका समर्पण अतुलनीय है। आपकी जीवटता भी दुनिया में किसी से भी कम नहीं है। इन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप भारत की मां की सेवा करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता। आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां आप तैनात हैं। आपका निश्चित उस जिसको रोज आप अपने कदमों से नापते हैं।

•  गलवान घाटी में जवानों की वीरता से दुनिया को भारत की ताकत पता चला

आपकी भुजाएं उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द खड़ी हैं। आपकी इच्छा शक्ति पर्वतों जैसी अटल है। आपके बीच आकर मैं इसे महसूस कर रहा हूं। मुझे ही नहीं पूरे देश को अटूट विश्वास है कि आप जब सरहद पर डटे हैं तो यही बात प्रत्येक देशवासी को देश के लिए दिन रात काम करने के लिए प्रेरित करती है। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प आप लोगों को कारण मजबूत होता है। अभी आपने और आपके साथियों ने जो वीरता दिखाई उनसे पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है। 

• सीमा पर शांति वीरता की शर्त पर होगी और भारत का पराक्रम विश्व ने देखा

हर आक्रमण के बाद भारत और मजबूत होकर उभरा है। राष्ट्र की, दुनिया की, मानवता की प्रगति के लिए शांति और मित्रता हर कोई मानता है। हम ये भी जानते हैं कि कमजोर शांति की पहल नहीं कर सकता। वीरता ही शांति की शर्त होगी। भारत आज जल-थल-नभ तक अपनी ताकत बढ़ा रहा है तो उसके पीछे का लक्ष्य मानव कल्याण ही है। विश्व युद्ध हो या विश्व शांति की बात, जब भी जरूरत पड़ी है विश्व ने हमारे वीरों का पराक्रम देखा भी है और महसूस भी किया है। हमने हमेशा मानवता और इंसानियत की रक्षा के लिए काम किया है।

• दुनिया में चीन की हुकूमत नहीं, हम विकासवादी नीति चाहते हैं

आज विश्व विस्तारवाद नहीं, विकासवाद के प्रति समर्पित है। विस्तारवाद ने ही मानवजाति का विनाश किया है। इतिहास बताता है कि ऐसा करने वाली ताकतें खत्म हो गईं। राष्ट्र रक्षा से जुड़े किसी लीडर के बारे में सोचता हूं तो मैं सबसे पहले दो माताओं का स्मरण करता हूं। पहली- हम सभी की भारत माता, दूसरी- वे वीर माताएं जिन्होंने आप जैसे योद्धाओं को जन्म दिया हैं । 

•  सरकार की पहली प्राथमिकता सेना और सैनिकों को मजबूत करना

सेना के लिए आधुनिक हथियार हो या आपने लिए साजो सामान, हम इस पर बहुत ध्यान देते रहे हैं। बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करीब 3 गुना कर दिया गया है। इससे बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट और सीमा पर सड़कें-पुल बनाने का काम भी बहुत तेजी से हुआ है। अब आप तक सामान भी कम समय में पहुंचता है। सेनाओं में समन्वय के लिए चीफ ऑफ डिफेंस के गठन की बात हो या वॉर मेमोरियल का या फिर वन-पेंशन वन रैंक की बात हो। हम सेनाओं और सैनिकों को मजबूत कर रहे हैं।

•  भारत दूसरों पर निर्भर नहीं रहेगा, 130 करोड़ लोग सपना पूरा करेंगे

हम वो लोग हैं बांसुरीधारी की पूजा करते हैं, हम वो लोग हैं जो सुदर्शनधारी को आदर्श मानकर चलते हैं। जिस भारत के सपने को लेकर आप सरहद पर देश की रक्षा कर रहे हैं, हम आपके सपनों का भारत बनाएंगे। इसमें 130 करोड़ देशवासी पीछे नहीं रहेंगे। मैं आपको यह विश्वास दिलाने आया हूं। हम आत्मनिर्भर भारत बनाकर ही रहेगें ।

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