रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों ने मंगलवार को वर्चुअल मीटिंग की। इसमें भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन का मामला हो या फिर सहयोगियों के हितों का ध्यान रखने की बात, दुनिया की अगुआई करने वाले देशों को हर तरह से मिसाल पेश करने वाला होना चाहिए। मीटिंग जर्मनी के नाजियों पर रूस की जीत के 75 साल पूरे होने पर की गई। इसकी अध्यक्षता लैवरॉव ने की।
यूएन सिक्युरिटी काउंसिल में स्थाई सदस्यता पर भारत को रूस का सपोर्ट
बैठक में रूस के विदेश मंत्री सर्गी लैवरॉव ने गलवान झड़प पर किसी भी मध्यस्थता की बात को नकार दिया। उन्होंने कहा, "भारत और चीन को किसी बाहरी की मदद की जरूरत नहीं है। जब देश का मामला हो तो उन्हें कोई मदद नहीं चाहिए। हाल की घटनाओं के बारे में मैं यह कहना चाहता हूं कि भारत और चीन इसे खुद सुलझा लेंगे।" उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी भारत की दावेदारी का समर्थन किया। लैवरॉव ने कहा- भारत सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बन सकता है। वह मजबूत कैंडिडेट है और हम उसे अपना समर्थन देते हैं।
भारत का स्टैंड- अगुआई करने वाले देश सहयोगियों का भी ध्यान रखें
गलवान झड़प के बाद पहली बार भारत और चीन के विदेश मंत्री आमने-सामने थे। जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी की मौजूदगी में मौजूदा हालात पर अपना रुख साफ किया। जयशंकर ने कहा- दुनिया की अगुआई करने वाले देशों को हर मायने में मिसाल पेश करने वाला होना चाहिए। ऐसे देशों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि इसका फायदा सभी को फायदा मिले और दुनिया को बेहतर बनाया जा सके। यह मौजूदा वक्त की सबसे बड़ी चुनौती हैं।
17 जून को जयशंकर और वांग यी ने फोन पर बात की थी
15 जून को लद्दाख में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इसके दो दिन बाद 17 जून को जयशंकर और वांग यी ने फोन पर सीमा विवाद पर चर्चा की थी। चीन और भारत के बीच विवाद को देखते हुए आरआईसी बैठक होगी या नहीं, इसको लेकर आशंका थी। हालांकि, रूस और भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार शाम बैठक तय वक्त पर होने की पुष्टि की थी।
2017 में तीनों देशों के विदेश मंत्री की आखिरी बैठक हुई थी
भारत, रूस और चीन के विदेश मंत्रियों की आखिरी बैठक फरवरी 2017 में चीन के वुझेन शहर में हुई थी। तब भारत की विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज इसमें शामिल हुई थीं। यह बैठक भारत की ओर से पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए एयरस्ट्राइक कुछ घंटे बाद हुई थी। इसमें सुषमा स्वराज ने चीन और रूस के विदेश मंत्री को भारत की ओर से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर लिए गए एक्शन के बारे में बताया था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन के दौरे पर मॉस्को पहुंचे
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार देर रात रूस के तीन दिन के दौरे पर मॉस्को पहुंचे। राजनाथ रूस के रक्षा मंत्री के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी बढ़ाने पर बात होगी। वे रूस से अगले कुछ महीनों में भारत पहुंचने वाले हथियारों के बारे में भी चर्चा करेंगे। वे 24 जून को रूस के 75 वें विक्ट्री डे परेड में हिस्सा लेंगे। इस परेड में चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे भी मौजूद रहेंगे।