इन फैसलों के बाबत मिली जानकारी के अनुसार रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का महत्वपूर्ण दायित्व लार्सन एण्ड टुब्रो (एलएण्डटी) ही संभालेगी। फिर भी मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की जिम्मेदारी किसी दूसरी विशेषज्ञ एजेंसी को सौंपी जाएगी। इसके लिए एक्सपर्ट एजेंसियों से बातचीत भी शुरू हो गयी है। इसी एजेंसी की ओर से तराशे जा चुके पत्थरों पर जमी काई को साफ भी कराया जाएगा। काई छुड़ाने के लिए अत्यधिक सावधानी की जरूरत है अन्यथा पत्थरों को क्षति पहुंच सकती है।

रामजन्मभूमि परिसर में पत्थरों की तराशी के लिए कार्यशाला स्थापित की जानी है। इसके साथ भारी भरकम मशीनों का आवागमन भी शुरू होगा। यही कारण है कि क्रांसिंग थ्री यानी कि क्षीरेश्वरनाथ महादेव मंदिर निकट मुख्य मार्ग से परिसर में मेकशिफ्ट स्ट्रक्चर तक करीब तीन सौ मीटर सम्पर्क मार्ग का निर्माण कराया जाएगा।

 इस सम्पर्क मार्ग के लिए प्रांतीय खंड लोकनिर्माण विभाग की ओर से टेण्डर हो चुका है। करीब एक करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क के लिए कार्यदाई संस्था के ठेकेदार की ओर से निर्माण सामग्री परिसर में डम्प की जाने लगी है। इसी सिलसिले में सोमवार से गिट्टियां गिराई जा रही हैं।


रामजन्मभूमि परिसर मे चल रहे समतलीकरण के बीच गर्भगृह के चारों ओर का काम काफी हद तक पूरा हो गया है लेकिन कुबेर टीला और गर्भगृह के बीच जमीन खासी नीचे है। इसके लिए मिट्टी की पटाई की जानी है।