उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में मानसून की पहली बारिश ने शहर में सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी। मंगलवार की शाम यहां बारिश के कारण मैनपुरी-इटावा रोड पर बने रेलवे अंडरब्रिज पर एंबुलेंस जलभराव में फंस गई।
एंबुलेंस में कोरोना के पांच मरीज सवार थे। करीब घंटेभर ड्राइवर और उनके सहयोगी पीपीई किट पहने मरीजों के साथ इसी एंबुलेंस में फंसे रहे। बाद में जेसीबी मशीन की मदद से एंबुलेंस को बाहर निकाला गया और मरीजों को दूसरी एंबुलेंस में शिफ्ट कर कोविड-19 अस्पताल भेजा गया।
दरअसल, इटावा जिले में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। यहां वर्तमान में 112 एक्टिव केस का उपचार चल रहा है। जबकि, 101 डिस्चार्ज हो चुके हैं। 8 मरीजों की मौत हुई है। 24 घंटे के भीतर यहां 27 नए केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 28वीं वाहिनी पीएसी के पांच कोरोना संक्रमित मरीजों को लेकर एंबुलेंस कोविड अस्पताल जा रही थी। लेकिन, इटावा से मैनपुरी जाने वाले अंडरब्रिज में जलभराव के बीच एंबुलेंस फंस गई और इंजन बंद हो गया।
इसकी जानकारी जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को हुई तो दूसरी एंबुलेंस और एक जेसीबी मशीन मौके पर भेजी गई। जेसीबी मशीन से खींचकर एंबुलेंस को पानी से बाहर निकाला गया और सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को दूसरी एंबुलेंस में शिफ्ट किया गया। इस बीच, कोरोना मरीज बिना मास्क लगाए ही बीच सड़क पर एम्बुलेंस बदलते नजर आए।
इस अंडरब्रिज में हर साल बारिश के मौसम में जलभराव होता है। कभी यात्रियों से भरी रोडवेज बस तो कभी बच्चों से भरी स्कूल बस के फंसने की तस्वीरें सामने आती रहती हैं। इसके बावजूद अभी तक प्रशासन इसका कोई स्थाई विकल्प नहीं तलाश सका है।