ठेकेदारों से मंडी निदेशक एवं मुख्य अभियन्ता के नाम पर कमीशन मांगे जाने से जुड़ा ऑडियो-वीडियो वायरल होने पर वाराणसी के मंडी उपनिदेशक (निर्माण) राम नरेश को बुधवार को निलंबित कर दिया गया। निलंबन के मुख्य कारणों में वायरल वीडियो के साथ-साथ राम नरेश के पूर्व तैनाती स्थल बलरामपुर एवं गोण्डा के करनैलगंज, बहराइच एवं वाराणसी में अलग-अलग कार्यों में हुई अनियमितताओं को भी बताया गया है। निलंबन की अवधि में उन्हें मुख्य अभियन्ता- ग्रेड-2 कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
पिछले माह एक ठेकेदार और रामनरेश के बीच टेंडर को लेकर धनराशि मांगने का ऑडियो वायरल हुआ था। इसकी जांच अपर निदेशक प्रशासन और मुख्य अभियंता ग्रेड 2 को सौंपी गई थी। 28 मई को जांच टीम ने रामनरेश से ऑडियो पर स्पष्टीकरण मांगा तो उन्होंने जवाब में कहा था कि इस ऑडियो की तकनीकी जांच कराए बिना कोई मत व्यक्त करना संभव नहीं है। वहीं जांच टीम ने इनके पूर्व के किए कार्यों में अनियमितताओं और ऑडियो क्लिप से विभाग की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए मंडी निदेशक को अपनी रिपोर्ट सौंपी। उस रिपोर्ट के आधार पर रामनरेश को निलंबित किया गया है।
वही रामनरेश ने यहां के एसपी क्राइम को ऑडियो क्लिप की जांच कराने के लिए तहरीर दी है। साथ ही तीन ठेकेदारों और मंडी घोटाले के आरोपियों के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज करने के लिए भी तहरीर दी थी। रामनरेश ने निलंबन की कार्रवाई को ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत का नतीजा बताया। कहा कि मुझे गलत तरीके से फंसाया गया है।
उपनिदेशक रामनरेश सोनकर के लिए मंडी घोटाले को उजागर करना गले की फांस बन गया। उन्होंने पिछले साल मंडी का कार्यभार संभालने के साथ ही निर्माण कार्यों में घोर अनियमितता की शिकायत मंडी परिषद के निदेशक से की थी। इसके बाद जनवरी में निदेशक ने दो उपनिदेशक निर्माण, दो अभियंता और एक लेखा अधिकारी को निलंबित कर दिया। इसके बाद रामनरेश को इनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। रामनरेश ने पांचों निलंबितों के अलावा इसमें संलिप्त पाए गए दो और संयुक्त निदेशक निर्माण स्तर के अधिकारी के अलावा तीन ठेकेदारों पर कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मंडी घोटाले में 2.73 करोड़ रुपए बिना निर्माण कार्य की ही भुगतान करा लिए गए थे।