गोरखपुर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर में गोरखपुर मॉडल की तर्ज पर अब चिकित्सीय सेवा के लिए हाईटेक फार्मूला तैयार किया गया है. इस फार्मूले के तहत टेली ओपीडी को शुरू किया जाएगा. बंगलुरु की कंपनी ने निःशुल्क इस फार्मूले को तैयार किया है. इससे मरीज घर बैठे अपना रजिस्ट्रेशन कराकर चिकित्सक को चुनने के बाद उससे सलाह और दवाइयां ले सकेगा. उसे चिकित्सक को दिखाने की आवश्यकता होगी, तो उसे सटीक टाइम बताया जाएगा, जिस समय जाकर वो चिकित्सक से परामर्श और इलाज ले सकेगा. इससे सोशल डिस्टेंसिंग को काफी हद तक मेंटेन किया जा सकेगा. ये देश का पहला ऑनलाइन टेली ओपीडी का फार्मूला है.
गोरखपुर के एसडीएम सदर/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने इस मैजिक प्लान को अपने गोरखपुर मॉडल की तर्ज पर तैयार करवाया है. ‘गोरखपुर मॉडल’ को गोरखपुर के बाद कई महानगरों ने लॉकडाउन में जरूरत के सामानों को घर-घर तक पहुंचाने के लिए लागू किया था. जिससे वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को रोकने में काफी हद तक कामयाबी मिली. गोरखपुर मॉडल को पीएमओ ने भी मांगा था. इंजीनियरिंग फील्ड से ताल्लुक रखने वाले 2017 बैच के युवा आईएएस अफसर गौरव सिंह सोगरवाल ने बंगलुरु की कंपनी यूनीक सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लि. से इस साफ्टवेयर को तैयार करवाया है.
इस कंपनी के माध्यम से चिकित्सीय सुविधा को घर-घर तक पहुंचाने में कामयाबी मिली है. अभी तक 500 से अधिक लोगों ने इसमें रजिस्ट्रशेन भी कराया है. गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि शहर के साथ गांव तक इसकी पहुंच बनाने के लिए वेबसाइट के साथ मोबाइल नंबर और एप भी तैयार किया गया है. इसके माध्मय से शहर के किसी भी सरकारी अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी के साथ शहर के किसी भी चिकित्सक से परामर्श लिया जा सकता है. इसके साथ ही उनसे मिलने और दिखाने के लिए समय भी लिया जा सकता है.
गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि ये देश की पहली टेली ऑनलाइन ओपीडी है. उन्होंने बताया कि इसे बंगलुरू की कंपनी ने तैयार किया है. सोगरवाल ने बताया कि इसे इतना लचीला बनाया गया है कि रजिस्ट्रेशन के बाद चिकित्सक की फीस और परामर्श की ऑनलाइन व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि वेबसाइट www.doc4u.co , ईमेलः support@doc4u.co पर संपर्क किया जा सकता है. इसके अलावा मोबाइल नंबर +91-9019740509 पर भी पंजीकरण कराकर जिस सरकारी और निजी चिकित्सक से सलाह लेनी है, ले सकते हैं. सलाह और दवा से काम चल गया तो ठीक, नहीं तो चिकित्सक से सटीक समय लेकर मुलाकात भी की जा सकती है.
सोगरवाल ने बताया कि इससे सरकारी अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी और निजी नर्सिंगहोम की ओपीडी में होने वाली भीड़ काफी हद तक कम होगी और घर बैठे सही चिकित्सक से सही इलाज भी मिल पाएगा. उन्होंने बताया कि आमतौर पर लोग गांव और दूर-दराज से सुबह ही चिकित्सक के यहां दिखाने के लिए चले आते हैं. नंबर नहीं आने पर भी दूसरे दिन भी आते हैं और दिनभर में पांच से छह घंटे बर्बाद करते हैं. इससे चिकित्सकों के यहां भीड़ भी बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से अनायास होने वाली भीड़ को रोका जा सकेगा.