जौनपुर में कोरोना का संक्रमण कहर ढा रहा है। 24 घंटे में 89 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से एक्टिव केस के मामले में जौनपुर यूपी में तीसरे नंबर पर आ गया है। यहां से ज्यादा एक्टिव केस केवल नोएडा और कानपुर में हैं। कोरोना के मामलों में सबसे चर्चित रहे गाजियाबाद और आगरा भी अब रोजाना आ रहे नए केस और एक्टिव मामलों में जौनपुर से पीछे हो गए हैं।
जिले की हालत यह हो गई है कि पॉजिटिव मरीजों को अस्पतालों में पहुंचाने में ही दो-दो दिन लग जा रहे हैं। पॉजिटिव मरीजों के परिजनों और अन्य लोगों की सैंपलिंग में तो उससे भी ज्यादा वक्त लग रहा है। कहीं-कहीं तो पॉजिटिव मरीजों के परिजनों को सैंपलिंग के लिए चार दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है।
मंगलवार को 44 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद बुधवार को 45 नए लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। नए मामलों के साथ ही यहां पॉजिटिव मरीजों की संख्या 373 हो गयी है। इससे एक्टिव केस 212 हो गए। जौनपुर से ज्यादा एक्टिव केस कानपुर में 246 और नोएडा में 220 हैं।
पॉजिटिव मरीजों में 95 प्रतिशत से ज्यादा प्रवासी कामगार
जौनपुर में प्रवासी मरीजों के लौटने के साथ ही कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। यहां कुल मरीजों में 95 प्रतिशत से ज्यादा प्रवासी या उनके संपर्क में आए लोग ही हैं। सभी 373 कोरोना पॉजि़टिव की बात करें तो इनमें 320 केस अकेले मुंबई से लौटे प्रवासियों के हैं। बुधवार को आए 45 नए मरीजों में भी 30 मुंबई, एक चेन्नई, एक पश्चिम बंगाल, 5 सूरत और 3 दिल्ली से लौटे हैं।
कोरोना संक्रमितों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने में दो दिन का समय लग रहा है। स्वास्थ विभाग को पॉजिटिव मरीजों तक पहुंचने में ही 30 घंटे से ज्यादा समय लग रहा है। केराकत ब्लाक में मंगलवार को चार लोगों की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। इसमें दो बेलहरी और दो देवकली गांव के थे। बेलहरी गांव के ग्राम प्रधान अजीत कुमार सिंह ने केराकत सीएचसी के अधीक्षक को फोन किया तो बताया गया कि एम्बुलेंस खाली नहीं है। शिवसेना के केराकत विधानसभा अध्यक्ष नितिन सोनकर की शिकायत है कि चिकित्सा व्यवस्था और कोरोना संक्रमितों के प्रति जरूरी एहतियात बरतने के मामले में स्थानीय स्वास्थ विभाग पूरी तरह फेल है।