मीरजापुर, प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में चल रहे फर्जीवाड़े से लोग काफी हतप्रभ हैं। साथ ही और भी मामले परत दर परत खुल रहे हैं। लालगंज विकास खंड में भी एक शिक्षक अनामिका की तरह चिन्हित किया गया है। जिसने बिना स्कूल गए ही वर्षों से वेतन लेने का कारनामा कर दिखाया है। इसमें किसकी मिली भगत है और कौन-कौन दोषी हैं, यह तो जांच के बाद पता चलेगा।
लेकिन जिस तरह से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है, वह गंभीर सवालों के घेरे में है। जनपद के लालगंज ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय पतुलखी में भी एक नागेन्द्र दुबे नाम का शिक्षक कार्यरत है और वह प्राथमिक विद्यालय का प्रभारी प्रधानाध्यापक भी है। आलम यह है कि पिछले कई वर्षों से गायब चल रहा है।
उसकी खोजबीन में शिक्षा विभाग ने कभी दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिसकी नियुक्ति पतुलखी प्राथमिक विद्यालय में विगत कई वर्षो से हुई थी। स्थानीय अभिभावकों व विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं की मानें तो नागेन्द्र दुबे पिछले कई वर्षों से कभी विद्यालय नहीं पहुंचा। लेकिन उसको वेतन हर महीने जारी हो रहा है। इतना ही नहीं इन्होने अभी तक न तो कहीं ट्रांसफर लिया और न तो विद्यालय जाने का जहमत उठाया। लोगों का कहना है कि ऐसे शिक्षक बच्चों का भविष्य क्या बनाएंगे। खंड शिक्षाधिकारी लालगंज अमरदीप जायसवाल ने कहा कि पतुलखी गांव के प्राथमिक विद्यालय में तैनात अध्यापक नागेन्द्र दुबे पिछले माह एसडीएम के साथ बैठक में शामिल होने आए थे। तीन माह से विद्यालय बंद चल रहा है। अभिभावकों की शिकायत होगी तो इस सम्बध में अवश्य जांच कराई जाएगी।