केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं किस्त की घोषणा करते हुए रविवार को बताया कि मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इससे गांव वापस जा रहे प्रवासी मजदूरों को काम मिल सकेगा।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, 'मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपए का आवंटन बढ़ाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में काम की कमी ना आए और आमदनी का साधन मिले, इसके लिए ऐसा किया जा रहा है।'
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में निर्मला सीतारमण ने कहा कि मजदूरों को घर ले जाने के लिए ट्रेनें चलाई गई हैं। मजदूरों को ट्रेनों से ले जाने का 85 फीसदी खर्च केंद्र सरकार ने वहन किया है। 15 फीसदी खर्च राज्य सरकारों ने किया है। श्रमिकों को ट्रेनों में खाना भी उपलब्ध कराया गया। आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए राशन की व्यवस्था की है।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं किस्त में सात मुद्दों 'मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधन पर ध्यान दिया जा रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के लिए लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ पर आज का फोकस किया गया है। शुरुआत हमने गरीब कल्याण योजना के साथ की थी। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने की व्यवस्था की गई। पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत खाते में कैश डाले गए। डीबीटी टेक्नॉलजी से पीएम किसान में योजना के तहत 8.19 करोड़ किसानों को मदद दी गई है। 2 करोड़ 81 लाख वुद्ध और दिव्यांगों को पेंशन दिया गया। जनधन खाता धारक 20 करोड़ खातों में रुपए डाले गए। निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों को 3950 करोड़ रुपए की मदद दी गई।
वहीं, कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जिनके पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उनके लिए स्वयं प्रभा डीटीएच चैनल्स लॉन्च किए। अब इसमें 12 और चैनल्स जोड़े जा रहे हैं।