रायबरेली. उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में एक ग्रामीण को प्रधान के भ्रष्टाचार की शिकायत करने बदले अपनी जान गंवाकर कीमत चुकानी पड़ी। यह मामला भुएमऊ थाना क्षेत्र के बंदरामऊ गांव की है। आरोप है कि, ग्रामीण अफसरों से गांव में कराए गए कार्यों की शिकायत करने के बाद घर लौट रहा था। लेकिन प्रधान ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर रास्ते में रोककर उसकी लाठी-डंडों से पिटाई कर दी। बुधवार को उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। पीड़ित परिवार ने थाने में तहरीर दी है।
बंदरामऊ गांव निवासी मुश्ताक मंगलवार को जिला मुख्यालय से लौट रहा था कि शारदा सहायक नहर के पास ग्राम प्रधान संदीप यादव ने अपने क्षेत्र पंचायत सदस्य भाई के साथ मिलकर उसको लाठी-डंडों से जमकर पीटा। जिसमें उसे गंभीर चोटे आई थी। वहां मौजूद लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। जहां बुधवार सुबह उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई है।
मृतक के चाचा अब्दुल अहद ने बताया कि प्रधान के भ्रष्टाचार के खिलाफ मुश्ताक के साढू सलीम ने शिकायत की थी। जिसे प्रधान ने पुलिस से मिलकर पूर्व में फर्जी केस में जेल भिजवा दिया था। इसके बाद से मुश्ताक प्रधान के विरुद्ध पैरवी कर रहा था। इस बात से बौखलाए प्रधान ने चार-पांच दिन पूर्व पुलिस से मिलकर मुश्ताक का भी शांतिभंग में चालान कराया था।
पुलिस ने बताया कि, मनरेगा को लेकर एक शिकायती पत्र डीएम को 2 दिन पहले दिया गया था। जिसको लेकर जांच टीम आई थी और विवाद हुआ था। मंगलवार की शाम जब मुश्ताक घर जा रहा था। तभी कुछ दबंगों ने उसके ऊपर हमला बोल दिया। जिससे गंभीर चोटे आई और वह उसकी मौत हो गई।