ट्रेन में सवार श्रमिकों के अनुसार काशी स्टेशन पर यह ट्रेन तकरीबन 6 घंटे से ज्यादा देर तक खड़ी रही. इसके बाद किसी तरह से ट्रेन आगे के लिए बढ़ी तो काशी और दीनदयाल जंक्शन के बीच पड़ने वाले एक छोटे से स्टेशन व्यास नगर पर रोक दिया गया. यहां पर भी ट्रेन तकरीबन डेढ़ से दो घंटे तक खड़ी रही
कोरोना की त्रासदी के बीच दूरदराज के राज्यों में रोजी-रोटी कमाने गए श्रमिकों और कामगारों का महा पलायन बदस्तूर जारी है. इन श्रमिकों की घर वापसी के लिए सरकार द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. लेकिन इनमें से कुछ ट्रेनें भी लेटलतीफी का शिकार हो जा रही हैं. यात्रियों का आरोप है कि इन ट्रेनों को भी जगह-जगह घंटों तक खड़ा कर दिया जा रहा है. जिस वजह से इसमें यात्रा कर रहे श्रमिक भीषण गर्मी और भूख, प्यास के मारे हलकान हो रहे हैं.
ट्रेनों को जगह-जगह रोके जाने से परेशान होकर अब तो श्रमिक हंगामे पर भी उतर जा रहे हैं. शुक्रवार को ऐसी ही एक घटना वाराणसी और डीडीयू जंक्शन (मुगलसराय) के बीच हुई. जब घंटों तक ट्रेन रोके जाने से परेशान होकर उसमें सवार सैकड़ों श्रमिक रेलवे ट्रैक पर उतर आए और जमकर हंगामा किया.
यही नहीं सैकड़ों की तादाद में रेलवे ट्रैक पर मौजूद श्रमिक स्पेशल ट्रेन के यात्रियों दूसरे ट्रैक पर आती हुई ट्रेन को भी रोकने का प्रयास किया. दरअसल महाराष्ट्र के पनवेल से सैकड़ों की संख्या में श्रमिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन जौनपुर के लिए निकली थी. ट्रेन को जाना तो जौनपुर था लेकिन बीच रास्ते में इस ट्रेन को जौनपुर के बदले दीनदयाल जंक्शन की तरफ मोड़ दिया गया. इसके बाद यह ट्रेन वाराणसी होते हुए काशी स्टेशन पर पहुंची.
एक तो ट्रेन को जौनपुर के बदले दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन लाए जाने से पहले से ही इसमें सवार यात्री आक्रोशित थे. ऊपर से वाराणसी और दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच ट्रेन कई घंटों तक खड़ी रही. जिसको लेकर व्यास नगर रेलवे स्टेशन पर इन यात्रियों का आक्रोश फूट पड़ा. जिसके बाद सैकड़ों की संख्या में यहां पर यात्री रेलवे ट्रैक पर उतर आए और हंगामा करने लगे.
पनवेल से आ रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन के यात्रियों ने हंगामा करते हुए पीछे से आ रही एक और श्रमिक स्पेशल ट्रेन को भी रोक दिया. श्रमिकों का हंगामा और आक्रोश देखते हुए दोनों ट्रेनों के ड्राइवर ट्रेन छोड़कर वहां से हट गए. तकरीबन दो घंटे तक यात्रियों ने यहां पर हंगामा किया. सूचना मिलने पर आरपीएफ और जीआरपी की टीम भी मौके पर पहुंची और किसी तरह से समझा-बुझाकर ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया. यह ट्रेन जब दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पहुंची तो वहां से बसों में बैठाकर इन तमाम श्रमिकों को उनके गृह जनपद के लिए रवाना कर दिया गया.
ट्रेन जब दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर पहुंची तो यहां उतरने के बाद इन यात्रियों ने संवाददाता से बातचीत करते हुए बताया कि ट्रेन को पूरे रास्ते रोकते हुए लाया जा रहा था. एक तो भीषण गर्मी और ऊपर से खाने-पीने के इंतजाम भी नहीं थे. यात्रियों ने बताया कि उन लोगों ने पनवेल से जौनपुर का टिकट लिया था. लेकिन ट्रेन को जौनपुर के बदले दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन लाया गया. ऊपर से ट्रेन को एक-एक स्टेशन पर घंटों तक रोक दिया जा रहा था.
श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आए बिमलेश ने बताया, की"हम लोग पनवेल से जौनपुर का टिकट लिए थे और गलती होने की वजह से हम लोगों को पहले काशी में रोका. हम लोग प्रशासन से बात किए तो वहां से खुली. फिर मुगलसराय और काशी के बीच में रोककर 2 घंटे वहां रोक दिया. तो एक ट्रेन को भी हम लोग रोके थे. उसके बाद खाने-पीने और रहने को लेकर मांग था तो हम लोगों को यहां लाकर छोड़ा गया है."
ट्रेन से आए गोविंद कुमार ने कहा, "मैं पनवेल से आ रहा हूं और हम लोग टिकट जौनपुर का लिए थे. हम लोग वहां से आए तो काशी में 7 घंटे तक ट्रेन को रोक दिया. वहां पर भी सब आदमी ट्रेन पर से उतर गया. वहां बोला गया कि यह दूसरा रूट पर आ गया है. अभी एक ट्रेन आएगी तो वहां से चलेगी. उससे थोड़ा आगे आए तो वहां भी 2 घंटे रुक गई. तो सब लोग ट्रेन से उतर गए और हंगामा हुआ. ट्रेन नहीं चलने दे रहे थे. दूसरी पटरी पर ट्रेन आ रही थी. सब उस पटरी पर भी जाकर खड़े हो गए और वहां से ट्रेन नहीं चल रही थी. हम लोगों को जौनपुर जाना था लेकिन हम लोगों को यहां लाया गया." उसी श्रमिक स्पेशल के एक अन्य यात्री अंजनी शर्मा ने कहा, "हम लोगों को पनवेल से जौनपुर का टिकट लिया था. जौनपुर ना ले जाकर इधर काशी में रोक दिया. हम लोगों को ट्रेन में चलते-चलते 3 दिन हो गया है. 2 दिन से बिना खाए हुए हम लोग पड़े थे. कोई प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा था इसीलिए हंगामा हुआ."