मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रमिकों की दक्षता का विवरण संकलित करने के लिए स्किल मैपिंग का कार्य निरन्तर जारी रखा जाए। श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए जिला सेवायोजन कार्यालयों की उपयोगिता को भी पुन: स्थापित किया जाए।
बारिश में भी मनरेगा के कार्य कराने की संभावनाएं तलाशें : वह सोमवार को अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लॉक डाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए एमएसएमई सेक्टर, ‘एक जिला एक उत्पाद’ और ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। कृषि, डेयरी व पशुपालन से जुड़ी गतिविधियों में भी रोजगार की बड़ी संभावनाएं हैं। रोजगार की दृष्टि से श्रमिकों को इन सेक्टरों से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश के मौसम में मनरेगा से जुड़े कार्य सामान्य परिस्थितियों में सम्पादित नहीं किए जाते। विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में श्रमिकों की प्रदेश वापसी को देखते हुए बारिश के मौसम में भी मनरेगा के कार्यों के संचालन की वैकल्पिक सम्भावनाएं तलाशी जाएं। इससे इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने में सुविधा होगी। उन्होंने औद्योगिक इकाइयों के कर्मियों के साथ-साथ निर्माण श्रमिकों, ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना व ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना से जुड़े परम्परागत कामगारों का एक डाटाबैंक तैयार किए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इसमें श्रमिकों के बैंक खातों का विवरण भी सम्मिलित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों द्वारा निर्मित पीपीई किट, थ्री लेयर मास्क व अन्य वस्तुओं की खरीद राज्य सरकार के स्तर से की जाए। इससे प्रदेश में निर्मित इन वस्तुओं को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि मास्क का उपयोग न करने पर जिस व्यक्ति का चालान किया जाए, उसे ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित मास्क उपलब्ध कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सीमेन्ट, ईट, बालू, गिट्टी, मौरंग आदि निर्माण सामग्री उचित और निर्धारित मूल्यों पर जनता को प्राप्त हो। उन्होंने आम के निर्यात के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि टिड्डी दल के प्रकोप के दृष्टिगत पूरी सतर्कता व सावधानी बरती जाए।
श्रमिकों के लिए बनाएं डारमेट्री
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के विशेष आर्थिक पैकेज के माध्यम से श्रमिकों के लिए आवास निर्माण की व्यवस्था की जाए। श्रमिकों के रहने के लिए डारमेट्री का निर्माण किए जाने की जरूरत है। इससे कम धनराशि में उन्हें अच्छी सुविधा प्राप्त होगी।