बदमाशों ने पुलिस से बचने के लिए कोरोना को हथियार बना लिया है। मेरठ के दिल्ली रोड अग्रसेन भवन में डेयरी में चोरी करने घुसे बदमाश को शुक्रवार तड़के लोगों ने दबोच लिया। इसके बाद लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। बदमाश को थाने ले जाने का नंबर आया तो शातिर ने चाल चल दी। पुलिस से कह दिया कि मुझे कोरोना है। हाथ लगाया तो तुमको भी संक्रमण हो जाएगा। इसके बाद पुलिस के पसीने छूट गए। न तो आरोपी को पकड़ा और गाड़ी में बैठने का इशारा किया गया। इसी बीच आरोपी पुलिस के सामने फरार हो गया। पूरा मामला सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
मेरठ में दिल्ली रोड पर रेलवे रोड चौराहे के पास अग्रसेन भवन है। यहां देवकीनंदन शर्मा परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने गोशाला भी बनाई हुई है। गोशाला में रात करीब 1:30 बजे कुछ बदमाश घुस आए और एक गोवंश को खोलकर बाहर ले गए। गोवंश इन लोगों को टक्कर मारकर लौट आया। इसी दौरान देवकीनंदन की आंख खुल गई और उन्होंने गोवंश को दोबारा अहाते में बांध दिया। देवकीनंदन को देखकर दो आरोपी दीवार के पास छिप गए, जिन्हें पकड़ लिया गया। इनमें से एक फरार हो गया। दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया गया। जो आरोपी रात में फरार हुआ था, वह सुबह करीब चार बजे दोबारा डेयरी में आया। इस दौरान जाग हो गई और उसे पकड़ लिया गया। पुलिस को बुलाया गया।
पुलिस को देख चिल्लाया
पुलिस को देखते ही बदमाश चिल्लाया कि वो कोरोना मरीज है, उसे हाथ मत लगाना। छह पुलिसकर्मी मौके पर थे, लेकिन किसी ने भी उसे नहीं पकड़ा। इस दौरान सीसीटीवी कैमरे तक चेक कर लिए और आरोपी गोवंश ले जाते हुए दिखाई दिए, लेकिन पुलिस ने आरोपी को हाथ नहीं लगाया।
देवकीनंदन के बेटे हिमांशु ने बताया कि पुलिसकर्मी कहते रहे कि इसे थाने ले जाकर क्या कोरोना कराना है। बोले कि कोई घटना तो हुई नहीं है, ऐसे में हंगामा क्यों। हिमांशु ने पुलिस से कहा कि यदि यह घर में घुसकर हत्या या लूट करता, तो भी पुलिस इसे नहीं पकड़ती। इसके बाद पुलिस इस आरोपी को गली के बाहर चलने को कहती है, लेकिन कोई पुलिसकर्मी इसे हाथ नहीं लगाता। पुलिस के दूरी बनाते ही आरोपी रफूचक्कर हो जाता है। अगर यही रहा हाल तो स्थिति हो जाएगी गंभीर वहीं लोगों ने कहा कि अगर पुलिस ऐसे ही अपराधियों को छोड़ देगी तो स्थिति बेहद गंभीर हो जाएगी। ऐसे हर अपराधी भाग जाएगा।
मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि प्रकरण जानकारी में नहीं आया है। यदि ऐसा है तो इस मामले को दिखवाया जाएगा। पता किया जाएगा कि क्या पुलिसकर्मियों की लापरवाही रही है।