पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर रेल मंडल अस्पताल में डेढ़ करोड़ की दवाइयों के बिल को लेकर तहलका मचा हुआ। मंडल आफिस के अकाउंट विभाग ने बिल में गड़बड़ियों को देखते हुए बिलिंग रोक दी है। वही बड़े गोलमाल होने की आशंका भी जताई जा रही है। सवाल इस बात का है, जब मासिक बिल के भुगतान किए जाते हैं तो फिर अब अप्रैल 2019 से बिल क्यों दिए गए।
अब एक साथ 1.50 करोड़ के बिल भुगतान को पत्र जारी कर दिया गया। अकाउंट अफसर ने आपत्ति जता दी है। वही अधिकारियों ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं एक-एक बिल की जांच की जाएगी। इसके बाद ही भुगतान होंगे। अकाउंट विभाग का कहना है, कुछ तो गड़बड़ी है जो एक साल पुराने बिल दबाए रहे, अब भुगतान के लिए दिए जा रहे हैं।
फार्मासिस्ट ने जमाया दवा का कारोबार
दवा की खरीद में ऐसे हो रहा खेल
अस्पताल के कर्मचारी ने रेलवे अस्पताल में दवा की खरीद को लेकर पूरा खेल बताया। कहा, वैसे तो गोरखपुर से 80 फ़ीसदी तक दवाओं की सप्लाई मिलती है, लेकिन 20 फ़ीसदी दवाओं की खरीद सीएमएस अपने स्तर पर कर सकते हैं। सीएमएस को कैश इंप्रेस्ड की पावर होती है। इज्जतनगर रेलवे अस्पताल के सीएमएस के पास 4 लाख और दूसरे 1.60 लाख की दवाई खरीदने के लिए बिल दे सकते हैं। हर महीने करीब 5.60 लाख की दवा खरीद सकते हैं। मंडल आफिस का वित्त विभाग बिलों का भुगतान करता है। पूरा खेल एक फार्मासिस्ट की देखरेख में होता है।
एक मेडिकल से एक महीने की खरीदते दवाएं
अस्पताल के कर्मचारी का कहना है, इज्जतनगर मंडल अस्पताल में तीन मेडिकल से दवाएं खरीदी जाती हैं। जिसमें महालक्ष्मी और गौरव मेडिकल अस्पताल गेट के पास ही हैं। तीसरा जनता मेडिकल है। तीनों मेडिकल से एक-एक महीने की दवा खरीदी जाती है। तीनों मेडिकल से दवा खरीदने का यह सिस्टम अस्पताल के फार्मासिस्ट ने बनाया है। जिससे तीनों को लाभ होता रहे।
अफसर की बात
इज्जतनगर रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह का कहना है, रेल अस्पताल प्रशासन की ओर से अकाउंट विभाग को बिल के भुगतान को लेकर प्रपत्र दिए गए हैं। अकाउंट विभाग समस्त बिलों की जांच के बाद भुगतान करेगा। प्रत्येक महीने की दवा खरीद के बिल चेक किए जाएंगे। करीब डेढ़ करोड़ के बिल थे, इसको लेकर अकाउंट अफसर ने आपत्ति लगाई है।