नई दिल्ली, देश के गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए सोमवार (15 जून) को दिल्ली के सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है। इस बैठक के लिए कांग्रेस, आप और सपा , बसपा को आमंत्रित किया गया है।
दिल्ली में कोविड-19 के मामलों की संख्या लगभग 39 हजार पर पहुंच गई है और इस महामारी से 1,200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि शाह राजनीतिक दलों के साथ कोविड-19 से निपटने के उपायों पर चर्चा करेंगे।
वहीं, दिल्ली में कोरोना वायरस (कोविड-19) के हालात को देखते हुए केंद्र ने यहां का मोर्चा अपने हाथों ले लिया है। यही वजह है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-राज्यपाल अनिल बैजल की करीब चार घंटे चली बैठक के बाद केंद्र ने दिल्ली के लिए विशेषज्ञों की तीन टीमें बनाई हैं। इनका काम दिल्ली के अस्पतालों का निरीक्षण करने के साथ ही कोविड-19 मामलों के क्लीनिकल मैनेजमेंट पर उनको गाइड करना है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार (14 जून) को इसकी जानकारी दी।
इससे पहले गृह मंत्री ने महामारी से निपटने के लिए रणनीति को मजबूत बनाने के वास्ते रविवार (14 जून) को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, दिल्ली के तीन नगर निगमों के महापौरों और आयुक्तों के साथ दो उच्च-स्तरीय बैठकें की।
बैजल और केजरीवाल के साथ बैठक के बाद वायरस को फैलने से रोकने के लिए उपायों की घोषणा करते हुए शाह ने कहा कि शहर में अगले दो दिनों में कोविड-19 की जांच की संख्या दोगुनी की जाएगी और इसके बाद इसे तीन गुना किया जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि कुछ दिनों में दिल्ली के निषिद्ध क्षेत्रों में हर मतदान केंद्र पर कोविड-19 की जांच शुरू की जाएगी और संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए अधिक प्रभावित क्षेत्रों यानी हॉटस्पॉट्स में घर-घर जाकर व्यापक स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराया जाएगा।
कोविड-19 के मरीजों के लिए बिस्तरों की कमी के मद्देनजर केंद्र दिल्ली को 500 रेलवे बोगियां भी उपलब्ध कराएगा। शाह ने कहा कि नीति आयोग के एक सदस्य वी के पॉल की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए कम से कम दरों पर निजी अस्पतालों द्वारा 60 प्रतिशत बिस्तरों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सके। यह समिति सोमवार तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
उच्चतम न्यायालय द्वारा दो दिन पहले दिल्ली के अस्पतालों में खराब स्थिति को लेकर फटकार लगाए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है। न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में कम संख्या में हो रही जांच पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए इन्हें बढ़ाने को कहा था। दिल्ली में कोविड-19 की गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी आप सरकार और केंद्र को कोरोना वायरस से संक्रमितों के लिये बिस्तरों और वेंटिलेटरों की संख्या बढ़ाने को कहा था।