बिहार में सिर्फ कंटेनमेंट जोन में ही लॉकडाउन है। जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने स्पष्ट कहा है कि लॉकडाउन के संबंध में बिहार में कोई नया निर्णय नहीं लिया गया है। ना ही कोई नया निर्देश दिया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा 30 मई को जारी दिशा-निर्देश बिहार में यथावत लागू है। केन्द्र सरकार की गाइडलाइन को ही राज्य सरकार ने अपनाया है। इस आलोक में सिर्फ कंटेनमेंट जोन में ही लॉकडाउन किया गया है।  

उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन का निर्धारण जिलाधिकारी करते हैं। जिन क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के नये मामले आते हैं, उसे ईपी-सेंटर मानते हुए वहां की भौगोलिक स्थिति एवं बसावट को ध्यान में रखते हुए कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाता है। कंटेनमेंट जोन में सभी घरों की विशेष रूप से स्क्रीनिंग करायी जाती है। कंटेनमेंट जोन में अगर 28 दिनों तक कोरोना के नये मामले सामने नहीं आते हैं तो उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन से फ्री कर दिया जाता है। 


 अभी राज्य में प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर की संख्या 3249 है, जिनमें 67 हजार 978 लोग हैं। इन सेंटरों में अब तक 15 लाख 24 हजार 101 लोग आए, जिनमें 14 लाख 56 हजार 123 लोग क्वारंटाइन की निर्धारित अवधि पूरी कर अपने घर वापस जा चुके हैं। असामयिक बारिश और ओलावृष्टि के कारण फरवरी, मार्च और अप्रैल महीने में किसानों की जो फसल हुई है, उसके लिए कृषि इनपुट अनुदान के अब तक 492 करोड़ रुपये की राशि 15 लाख 25 हजार किसानों के खाते में भेजी जा चुकी है। 

राज्य में अभी 325 कंटेनमेंट जोन : स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि अभी राज्य में 325 कंटेनमेंट जोन अलग-अलग जिले में हैं। अभी तक 34 कंटेनमेंट जोन को इससे फ्री भी किया जा चुका है। इन 34 में अरवल जिले में छह, बेगूसराय में चार, भागलपुर में दो, भोजपुर में चार, लखीसराय में चार, मधेपुरा में दो, मुंगेर में एक, नवादा में दो, पूर्णिया में एक, शिवहर में एक और सीवान में सात हैं। कंटेनमेंट जोन में हर घर का सर्वेक्षण करके उस पर निगरानी रखी जाती है।