पुलिस ने बताया कि बेटी ने चाचा के साथ मिलकर पिता की उस्तरे से गला रेतकर हत्या (Murder) कर दी थी. हत्या के बाद पेट्रोल डालकर लाश को जला दिया गया था.
पुलिसके मुताबिक] 28 दिसंबर 2018 को हुए आशीष हत्याकांड में उसकी बेटी दीपा और भाई अजय का हाथ था. दरअसल, पत्नी के छोड़कर चले जाने के बाद बेटी दीपा पिता आशीष के साथ रिठानी में एक किराए के मकान में रहती थी. इस दौरान दीपा और उसके चाचा के बीच अवैध संबंध कायम हो गया, जिसका विरोध आशीष करता था. 28 दिसंबर 2018 को जब आशीष काम से घर लौटा तो दीपा और अजय को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया. इसके बाद जमकर हंगामा हुआ तो दीपा ने अजय के साथ मिलकर पिता की हत्या कर दी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर 38 से ज्यादा वार के निशान
पहले उस्तरे से गला रेता गया इसके बाद डंडे से कई वार किए गए. मौत की तसल्ली हो जाने के बाद दोनों ने शव को नाहर में फेंकने की योजना बनाई, लेकिन योजना सफल नहीं हो सकी. इसके बाद घर के बगल में ही खाली प्लाट में शव को पेट्रोल डालकर जला दिया और फरार हो गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उस्तरे और डंडे से 38 से ज्यादा बार वार की पुष्टि हुई. हत्या के बाद दोनों लखनऊ पहुंचे और शादी कर ली. इसके बाद दोनों हरिद्वार में रहने लगे.
ऐसे हुई गिरफ्तारी
हत्या के बाद से ही दीपा और अजय फरार चल रहे थे. मोबाइल बंद होने की वजह से पुलिस को उनके लोकेशन का पता नहीं चल रहा था. चार माह पहले दीपा ने अपनी मां को एक नए नंबर से कॉल किया. चूंकि दीपा की मां का नंबर सर्विलांस पर था, लिहजा उनका लोकेशन हरिद्वार में मिल गया. इसके बाद पुलिस की टीम हरिद्वार तो पहुंच गई, लेकिन मकान नहीं ढूंढ पा रही थी. इसकी वजह थी दीपा का बार-बार मोबाइल बंद करना. इसके बाद पुलिस हरिद्वार में सैनिटाइजेशन डिपार्टमेंट से बताकर घर-घर से डाटा जुटाने लगी. तीन दिन पहले दीपा की पहचान हुई और दोनों को पकड़ लिया गया.