बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी रोज़ाना एनडीए गठबंधन को लेकर अपना रूख़ कड़ा करती जा रही है. पार्टी ने अब एक नया पैंतरा चला है. पार्टी का कहना है कि कोरोना के इस दौर में बिहार में विधानसभा चुनाव कराना सही नहीं है. आज पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान की अध्यक्षता में बिहार प्रदेश संसदीय बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई.
बैठक में मौजूद बोर्ड के 10 सदस्यों से अन्य बातों के अलावा इस बात पर भी फीडबैक लिया गया कि कोरोना संकट के बीच चुनाव कराना कितना उचित है. सूत्रों के मुताबिक़ मौजूद सभी सदस्यों ने कोरोना महामारी के दौरान चुनाव नहीं करवाए जाने की वक़ालत की. इसके पीछे पार्टी का मुख्य रूप से तीन तर्क़ है.
चुनाव से हो सकता हैं स्वास्थ्य को ख़तरा : पार्टी का मानना है कि कोरोना के चलते समाज और सरकार पर आर्थिक बोझ काफ़ी बढ़ गया है लिहाज़ा चुनाव से और ज़्यादा बोझ नहीं बढ़ाया जा सकता. दूसरा , राज्य में महामारी दिन ब दिन फैलती जा रही है जिसका उदाहरण पटना और भागलपुर में दोबारा लगाया गया लॉक डाउन है. ऐसे में चुनाव करवाकर लोगों के स्वास्थ्य को ख़तरे में नहीं डाला जा सकता. तीसरा तर्क़ चुनाव में लोगों की भागीदारी को लेकर है. पार्टी का कहना है कि महामारी के डर के चलते ज़्यादातर लोग चुनाव में हिस्सा लेने नहीं आ पाएंगे जिसका सीधा असर मतदान प्रतिशत पर पड़ेगा. बैठक के बाद बिहार प्रदेश संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष राजू तिवारी ने कहा कि ये हमारे लिए चिंता का विषय है और इस मसले को चुनाव आयोग को गम्भीरता से लेना चाहिए.
' हर परिस्थिति में चुनाव को तैयार ' : बैठक में बिहार चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारियों के अलावा नीतीश कुमार के साथ चल रही तनातनी और न्यूनतम साझा कार्यक्रम के बारे में भी चर्चा की गई. पार्टी के मुताबिक़ उसने बिहार की 94 सीटों पर लड़ने की तैयारी पूरी कर ली है. पार्टी की ओर से जारी बयान में दावा किया गया कि पार्टी किसी भी परिस्थिति में चुनाव लड़ने को तैयार है. राजू तिवारी ने इस बात से इनकार किया कि बैठक में गठबंधन के बारे में कोई भी चर्चा की गई. तिवारी ने कहा कि गठबंधन का फ़ैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को करना है.