फेसबुक इस्तेमाल करने की इजाजत मांगने वाले एक वरिष्ठ आर्मी अफसर को दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि अगर आपको फेसबुक इतना ज्यादा पसंद है तो आप नौकरी से इस्तीफा दे दीजिए। अफसर ने कोर्ट में दलील दी थी कि एक बार डाटा डिलीट करने पर वो अपने सभी दोस्तों के कॉन्टैक्ट खो देंगे।
अफसर ने आर्मी में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म समेत 89 ऐप बैन किए जाने के खिलाफ अपील की थी। इस मामले में अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी और बेंच ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा को पॉलिसी के दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में कोर्ट के सामने पेश करने को कहा है।
लेफ्टिनेंट कर्नल पी.के चौधरी ने दायर किया याचिका : जस्टिस राजीव सहाय और जस्टिस आशा मेनन की बेंच ने बुधवार को लेफ्टिनेंट कर्नल पीके चौधरी की अपील पर सुनवाई की। चौधरी ने याचिका में कहा कि अदालत मिलिट्री इंटेलीजेंस के डायरेक्टर जनरल को निर्देश दे कि आर्मी के अधिकारियों-जवानों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अकाउंट डिलीट करने का आदेश वापस लिया जाए।
बेंच ने अफसर से कहा- आप फैसला कीजिए। पॉलिसी यह है कि आर्मी में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल बैन है। यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है इसलिए आपको फेसबुक अकाउंट डिलीट करना होगा।
जब बात देश की सुरक्षा की हो तो ऐसे मामले में किसी तरह की अंतरिम राहत दिए जाने का सवाल ही नहीं उठता है। प्लीज! आप अपना अकाउंट डिलीट कर दीजिए। आप रोज कुछ नया ले आते हैं। यह इस तरह से नहीं चल सकता है।
- • आर्मी में 89 ऐप और वेबसाइट बैन करने और इस पर बने अकाउंट डिलीट करने को कहा गया है। यह आदेश हर रैंक पर लागू होता है। जो जवान दूरदराज के इलाकों में तैनात होते हैं, वे अपने परिवार में होने वाली बहुत सारी समस्याओं को निपटाने के लिए फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निर्भर हैं। जब इतनी दूरी हो तो वो वर्चुअल कॉन्टैक्ट के जरिए अपने परिवार से इस दूरी को पाटते हैं।
- • ये जवान खराब मौसम, खराब हालात में तब काम करते हैं, जब इन पर दुश्मन के हमले का खतरा हमेशा बना रहता है। इन मुश्किल हालात में ड्यूटी की कीमत उनके शरीर को चुकानी पड़ती है। इसके अलावा उनकी दिमागी सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
- • यह सारी परिस्थितियां इसलिए पैदा होती हैं, क्योंकि जवान अपने परिवारों, दोस्तों और करीबियों से दूर रहते हैं। ये प्रोफेशनल परेशानियां ही जवानों के खुदकुशी करने और अपने साथियों को गोली मारने जैसे मामलों में सीधेतौर पर जिम्मेदार हैं।
- • इंटरनेट के युग में हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी के जरिए जवानों को अपने परिवार और दोस्तों के पास जाने का अच्छा जरिया मिला है। नौकरी की मुश्किल परिस्थितियों में ये सारी चीजें उनका तनाव काफी कम कर देती हैं। ऐप बैन करने और अकाउंट डिलीट करने का आदेश संविधान के बोलने की आजादी और निजता के अधिकार का भी उल्लंघन करता है।
- • संपर्क करने के पुराने तरीकों से ज्यादा आज फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म बातचीत का सबसे पॉपुलर जरिया हैं। दरअसल, दुनियाभर में फेसबुक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल भारत में किया जाता है।
- • जिस आशंका से ये बैन लगाया गया है, वह केवल एक जवान पर लागू नहीं होना चाहिए। प्रशासन और राजनीति के क्षेत्र में भी कई लोग हैं, जिनके पास एक जवान से ज्यादा अधिक संवेदनशील सूचनाएं होती हैं। इन लोगों पर तो कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। ऐसे में यह आदेश संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।