प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। मुहूर्त के अनुसार पीएम दोपहर 12 बजकर 15 मिनट के 32 सेकेंड के शुभ मुहूर्त में नींव में ईंट रखकर मंदिर के निर्माण का काम शुरू कर देंगे। इसे अभिजीत मुहूर्त कहा जा रहा है। लेकिन, इस इस मुहूर्त को लेकर विवाद शुरू हो गया है। जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने तय मुहूर्त पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भाद्रपद में किया गया शुभारंभ विनाशकारी होता है। हालांकि, अयोध्या के संतों ने उनके तर्क को खारिज कर दिया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि, मंदिर का शिलान्यास ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल द्वारा साल 1989 में हो चुका है। प्रधानमंत्री को केवल आधारशिला रखकर मंदिर निर्माण का शुभारंभ करना है। संत केवल यही चाहते हैं कि पीएम मंदिर का श्रीगणेश कर दें।
शंकराचार्य ने कहा- हमें ट्रस्टी बनने का शौक नहीं
जगद्गुरू शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती इन दिनों जबलपुर में परमहंस आश्रम में हैं। शंकराचार्य ने कहा कि, हम लोगों ने राममंदिर को लेकर आंदोलन किया था। हमको कोई ट्रस्टी बनने का शौक नहीं है। मंदिर शिलान्यास के लिए उचित तिथि और मुहूर्त होना चाहिए। ये अशुभ घड़ी है। ये धोखा होगा। पीएम को औपचारिक रूप से बुलाया गया है। रामजन्म भूमि में शिलान्यास शुभ मुहूर्त और तिथि को ही होना चाहिए। उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जगद्गुरु शंकराचार्य के हवाले से अपने फेसबुक पेज पर भूमि पूजन के अशुभ समय को लेकर अपने कई तर्क भी दिए हैं।
महंत कमल नयन दास ने कहा कि अयोध्या के राम जन्मभूमि स्थल पर तीन महीने से समय-समय पर भूमि पूजन अनुष्ठान रामार्चा के कार्यक्रम चल रहे हैं। शिलान्यास से लेकर सारे पूजन हो चुके हैं। मंदिर का शिलान्यास 1989 में ही हो चुका है। ऐसे में मुहूर्त व समय को लेकर जिसको जो कहना है कहता रहे। उन्होंने यह भी कहा कि, जो बातें लोग कर रहे हैं, उसका कोई असर पीएम के कार्यक्रम पर नहीं पड़ने वाला है।वे 5 शुभ मुहूर्त में मंदिर निर्माण का शुभारंभ कर देंगे। राम के काज में हर समय शुभ तिथि है।
तीन अगस्त से शुरू हो जाएगा कार्यक्रम
महंत कमल नयन ने कहा कि गर्भगृह का भूमि पूजन कार्यक्रम 3 अगस्त से शुरू हो जाएगा। इस तिथि को गणेश पूजन होगा। 4 अगस्त को रामार्चा और 5 अगस्त को 8 बजे सुबह से अंतिम अनुष्ठान भूमि पूजन का काशी के पंडितों के नेतृत्व में 11 पंडितों की टीम करेगी। इसमें अयोध्या के पंडितों को भी शामिल किया गया है। पीएम मोदी को केवल आधारशिला रख कर मंदिर का शुभारंभ करना है।
दिनेंद दास ने कहा- कोर्ट ने फैसला शुभ मुहूर्त विचार कर किया था?
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य व निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास ने कहा कि भगवान राम के नाम पर जो भी काम होता है वह शुभ ही होता है। इसमें किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है। ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने भाईचारा, प्रेम व आपसी सहमति पर यह निर्णय किया गया है। जो निर्णय लिया है, वह सही ही है। उन्होंने सवाल किया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में इतना बड़ा फैसला सुनाया उस समय क्या किसी प्रकार की मुहूर्त या शुभ घड़ी को तय किया गया था?