कोरोना के संक्रमण ने शायद पूरे सिस्टम को चपेट में ले लिया है, जिसके चलते लगातार लापरवाही की घटनाएं सामने आ रही हैं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही फिर सामने आई है। कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद उसे निगेटिव बता शव परिजनों के हवाले कर दिया। परिजन शव लेकर घर पहुंच गए, तो घंटे भर बाद फोन से मरीज के पॉजिटिव होने की जानकारी दे दी। सहमे परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी। संवेदनहीन विभाग ने शाम सात बजे की सूचना पर अगले दिन सुबह 11.30 बजे शव वाहन भेजा। इस दौरान संक्रमित का शव घर में ही पड़ा रहा और पूरा परिवार संक्रमण के मुहाने पर रहा। मृतक के परिजनों ने इसकी शिकायत डीएम से की है।
सूचना के बावजूद 16 घंटे घर में पड़ा रहा कोरोना संक्रमित का शव : न्यू माधोपुर कॉलोनी निवासी शैलेंद्र नाथ द्विवेदी (60) की तीन जुलाई को तबीयत खराब होने पर रसूलपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सुधार न होने पर उन्हें आठ जुलाई को गांधी गली स्थित नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। वहां से बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। नौ जुलाई को सायं पांच बजे उनकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन ने उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव बताते हुए शव सायं छह बजे कोविड 19 प्रोटोकाल के तहत सौंप दिया। वे शव लेकर घर चले गए। एक घंटे बाद कॉलेज से फोन आया कि रिपोर्ट पॉजिटिव है, तत्काल शव का अंतिम संस्कार करा दें। परिजनों ने शाम सात बजे स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी।
हमारा वाहन ही शव लेकर राजघाट गया था। रात को अंतिम संस्कार में दिक्कत आती है। ले जाने की व्यवस्था हमारी है, लकड़ी की व्यवस्था नगर निगम करता है। रात को सभी का समन्वय नहीं हो पाता, इसलिए वाहन सुबह भेजा गया। - डॉ.श्रीकांत तिवारी, CMO