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यूपी के कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी पांच लाख मोस्ट वांटेड विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार सुबह मार गिराया। बीते दो जुलाई की रात विकास दुबे और उसकी गैंग ने बिकरू गांव में खूनी खेला था। उसकी मौत से जहां दिवंगत पुलिसकर्मियों के अपनों के कलेजे में ठंडक पड़ी है, वहीं एक आईपीएस की पत्नी और एक्टिविस्ट डॉक्टर नूतन ठाकुर ने विकास दुबे प्रकरण की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत करते हुए तमाम कानूनी कार्रवाइयों की जांच की मांग की है।
विकास का जघन्य अपराध, पुलिस का गैर कानूनी काम निंदनीय :
एक्टिविस्ट डॉक्टर नूतन ठाकुर ने कहा कि, विकास दुबे ने जघन्य अपराध किया था, लेकिन जिस तरह से उसके बाद पुलिस ने गैर कानूनी काम किया वह निंदनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि, विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दूबे को गांव में मारा गया, वे इस घटना में शामिल नहीं थे। इसी तरह उसके सहयोगी प्रभात मिश्रा, प्रवीण दूबे और अब विकास दुबे का भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मारा जाना किसी को स्वीकार नहीं हो रहा है। पुलिस की कहानी में कई खामियां हैं। विकास का घर बिना आदेश के गिराया गया, उसकी पत्नी व बच्चे से बर्ताव भी असंवैधानिक और अनुचित था।
क्या था बिकरू कांड? : कानपुर के चौबेपुर थाना इलाके का बिकरू गांव... 2 जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। इस दौरान विकास और उसकी गैंग ने 8 पुलिसवालों को गोलियों से भून दिया था। सरगना विकास 3 राज्यों की पुलिस को चकमा देकर यूपी से हरियाणा और फिर राजस्थान होते हुए मध्यप्रदेश पहुंच गया। सरेंडर के अंदाज में उज्जैन के महाकाल मंदिर से गुरुवार को विकास की गिरफ्तारी हुई। यूपी पुलिस उसे कानपुर ले जा रही थी, लेकिन रास्ते में विकास का वही अंजाम हुआ जिसके डर से वह भागता फिर रहा था .