प्रयागराज में स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से सेना के एक जवान एवं भू-माफिया लोगों को डरा धमका कर , जबरन उनकी जमीनों पर कब्ज़ा करने का सगींन अपराध करते हैं ।
एेसा ही अपराध को अंजाम एक वरिष्ठ पत्रकार एवं दैनिक घटनाएँ अखबार के संपादक संतोष कुमार के संबंध में स्थानीय चौकी एवं थाना की पुलिस पत्रकार की तहरीर को पहले लेने से इनकार किया । अभी तक कोई आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई ।
घटना नैनी थाना अंतर्गत चाका ब्लाक स्थिति कमला नगर कालोनी निवासी अरुण कुमार गौतम उर्फ़ कमांडर जिसका मोबाइल न० 9149950878 है । अपने घर पर बुलाया और वहा बैठे कुछ अज्ञात लोगो के बीच जिसमे एक अधिवक्ता भी मौजूद था अवधेश गुप्ता के लेनदेन के सम्बन्ध में बातचीत करते हुए मारापीट शुरू कर दिया । जिसमें संतोष कुमार पर आत्मघाती हमला करने की कोशिश में लात - मुक्के से पेट पर प्रहार किया । जिसमें वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार घायल हो गए । पीड़ित संतोष कुमार की गले में पहनने लगभग 3 तोले की चैन छिनने की कोशिश एवं चार पहिया वाहन की चाभी व पैसा लेने की कोशिश की गई ।
इन अभियुक्तगण में एक अधिवक्ता ने संपादक संतोष कुमार की तीन लाख की जमीन 50 हजार रुपये में बैनामा कर शेष धनराशि एक वर्ष में देने के कागजात पर हस्ताक्षर करवाया गया जिसमे चार पांच गवाह मौजूद रहे और साथ में अवधेश गुप्ता भी मौजूद थे जिनके पक्ष में जमीन लिखवाया गया ।
अब सवाल यह उठता है कि योगी सरकार के शासन में जहां एक तरफ भू-माफिया का हौसला बुलन्द होता जा रहा हैं । एेसे एक सवाल उठता हैं कि सेना के सिपाही को जिसे सम्पूर्ण देश सम्मान करता हैं । ऐसे किसी जवान को यह अपराधिक व्यक्तित्व शोभा नहीं देती हैं , इससे हमारे देश की गौरवशाली सेना एवं सेना के जवानों की छवि धूमिल होती है ।
कमांडर के लिए न कानून का डर , न वह न्याय पालिका , न पुलिस कोई मायने नहीं रखता हैं । उसके लिए किसी भी आम इंसान को परेशान करना पेशा बन गया है । अरुण कुमार गौतम सरकारी एवं निजी बंदूक से आए दिन भूमि स्वामियों को डरा धमका कर उनकी जमीनों को कब्जा करता हैं ।
एक सम्मानित पत्रकार से तीन लाख का प्लाट 50 हजार रुपये में बैनामा कर शेष धनराशि एक वर्ष में अदायगी के कागजात पर लिखवा कर हस्ताक्षर करवाया गया
जो अनैतिक एवं असंवैधानिक कार्य है । एक वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक के साथ ऐसा कार्य निंदनीय है । किसी की जमीन को बिना पूरा पैसे दिए कैसे लिखवाया जा सकता है पर ऐसा अरुण गौतम ने किया जिसमें उनका हस्ताक्षर मौजूद है ,
जानकारी के अनुसार अरुण कुमार उर्फ़ कमांडर बीते तीन चार सालो से लगतार अपना मकान बनवा रहा है विस्तार सोच के चलते कमला नगर कालोनी को अपने नाम से दंबगाई के बल पर कमांडर नगर बना दिया था स्थानीय प्रधान के हस्ताक्षेप से उनका नाम मिटाया गया जिसमे प्रधान से भी इन्होने विवाद किया था कुछ मकान कब्ज़ा कर रखे हुए है एसी जानकारी मिल रही है यह जाँच का विषय है ।
स्थानीय लोगो के अनुसार अरुण गौतम उर्फ़ कमांडो के पास स्थानीय पुलिस शराब पीने अक्सर अर्धरात्रि को आते रहते है जिनकी सह पर वह अनैतिंक कार्य अक्सर किया करते है वह एक और विकाश दुबे बनने की कोशिस कर रहा है
इस सेना के सिपाही कितनी वेतन मिलतीं थी जो तीन चार सालो में करोडो की सम्पति नामी और बेनामी बना लिया और अपने मकान का निर्मार्ण बीते तीन चार सालो से नियामित करवा रहा है यह एक जाँच का विषय है
इस धटना से समस्त पत्रकार जगत में काफी आक्रोश है ।
सेना के इस सिपाही ने एक सम्मानित पत्रकार के साथ अपने घर पर बुलाकर कृत्य कार्य किया उसे सजा मिलनी चाहिए स्थानीय प्रशासन को घटना की गंभीरता को देखते हुए सख्त कार्यवाही करनी चाहिए और सेना के अधिकारी भी घटना की जांचकर उचित कार्यवाही करनी चाहिए जिससे सेना की गरिमा बनी रहे।