बेंगलुरु से लौटे मजदूरों को ट्रेन से उतरते ही करनी पड़ी मशक्‍कत, फिर भी जताई लौटने की खुशी


गोरखपुर संवाददाता रमाकांत यादव की रिपोर्ट • KESHARI NEWS24, Thu, 14 May 2020 03:00 PM

बेंगलुरु से आए श्रमिकों को ट्रेन से उतरने के बाद भी श्रम करना पड़ा। मुरादाबाद जाने के लिए लगाई गई बस ने अचानक से जवाब दे दिया। ड्राइवर के कई बार प्रयास करने के बाद भी जब बस स्टार्ट नहीं हुई तो श्रमिकों को मजबूरन धक्का मारना पड़ा।
 
एसपी जीआरपी ने सभी यात्रियों को कराया भोजन गोरखपुर आए सभी यात्रियों के लिए एसपी जीआरपी ने खिचड़ी के पैकेट का प्रबंधक कराया। आरआई इंस्पेक्टर वृषभान पाण्डेय ने एक-एक यात्रियों को पैकेट बांटे। इसके साथ ही एसपी जीआरपी पुष्पाजंलि के निर्देश पर मक्के के भूजे का पैकेट, एक छोटा पैकेट बिस्किट और एक साबुन भी दिया गया। वहीं बच्चों को फ्रूटी का पैकेट जीआरपी ने दिया। जीआरपी एसओ आनंद सिंह ने ट्रेन के आने के पहले सभी सिपाहियों का उत्साह बढ़ाया।
 
जलंधर, बेंगलुरु, चित्तूर व भावनगर से आए 4423 श्रमिक विभिन्न प्रांतों से श्रमिकों के लाने के क्रम में बुधवार जलंधर,, बंगलूरू, भावनगर और चित्तूर से 4423 श्रमिक एवं उनका परिवार गोरखपुर पहुंचा। यात्रियों ने रेलवे, जीआरपी और जिला प्रशासन का आभार जताया। यहां आने के बाद विभिन्न जिलों के लिए लगी बसों में श्रमिक बैठकर अपने-अपने घर रवाना हो गए। सुबह से ही ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे आरपीएफ, जीआरपी के जवान और स्वास्थ्यकर्मी सक्रिय हो गए और सभी को बारी-बारी सर्किल में खड़ाकर थर्मल स्क्रीनिंग कराया। 

इसके बाद बसों से उन्हें गंतव्य के लिए रवाना किया गया। प्लेटफॉर्म एक पर बुधवार को पहली ट्रेन सुबह 6:40 बजे जलंधर से 1274 यात्रियों को लेकर गोरखपुर पहुंची। इसके बाद 9:45 बजे बंगलूरू 1472 यात्री आए। शाम छह बजे भावनगर से 673 यात्रियों को लेकर तीसरी श्रमिक स्पेशल पहुंची। चित्तूर से रात आठ बजे 1005 यात्रियों को लेकर चौथी ट्रेन आई।

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