कोरोना संकट पर मंत्रालयों की प्रतिदिन होने वाली प्रेस कांफ्रेंस में गृह मंत्रालय ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के लिए कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं. अबतक 75 लाख से ज़्यादा प्रवासी श्रमिक अपने घर पहुंच चुके हैं.
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ लॉकडाउन शुरू होने के बाद अबतक 75 लाख से ज़्यादा प्रवासी श्रमिक अपने घर वापस लौट चुके हैं. गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इनमें 35 लाख लोग श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से जबकि 40 लाख से ज़्यादा श्रमिक बसों से अपने गृह राज्य पहुंच चुके हैं.श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि 1 मई से अबतक रेलवे की ओर से 2600 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं जिनमें करीब 35 लाख श्रमिक यात्रा कर अपने गंतव्य पर पहुंच चुके हैं. हालांकि मंत्रालय की ओर से ये नहीं बताया गया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों और बसों के अलावा पैदल या अन्य तरीके से कितने श्रमिक अपने घर वापस पहुंचे हैं.
गृह मंत्रालय की अधिकारी ने 2011 की जनगणना का हवाला देते हुए जानकारी दी कि देश में 4 करोड़ से ज़्यादा लोग ऐसे हैं जो रोज़गार की तलाश में अपना मूल निवास छोड़कर देश के अन्य भागों में प्रवासी के रूप में रहते हैं. ज़ाहिर है तबसे इस संख्या में और इज़ाफ़ा ही हुआ है.
पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि प्रवासी मज़दूरों की सुरक्षित घर वापसी के लिए गृह मंत्रालय ने लगातार राज्यों से सम्पर्क कर उचित क़दम उठाए हैं. उन्होंने बताया कि 25 मार्च को लॉकडाउन की शुरुआत होते ही मज़दूरों की समस्याएं आने लगीं जिसे देखते हुए मंत्रालय ने 27 मार्च को ही एक एडवाइजरी जारी कर घर लौटने वाले प्रवासी मज़दूरों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश जारी कर दिया था. उसके बाद से ही गृह मंत्रालय ने लगातार प्रवासी मज़दूरों के पलायन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने की कोशिश की.
पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि प्रवासी मज़दूरों की सुरक्षित घर वापसी के लिए गृह मंत्रालय ने लगातार राज्यों से सम्पर्क कर उचित क़दम उठाए हैं. उन्होंने बताया कि 25 मार्च को लॉकडाउन की शुरुआत होते ही मज़दूरों की समस्याएं आने लगीं जिसे देखते हुए मंत्रालय ने 27 मार्च को ही एक एडवाइजरी जारी कर घर लौटने वाले प्रवासी मज़दूरों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश जारी कर दिया था. उसके बाद से ही गृह मंत्रालय ने लगातार प्रवासी मज़दूरों के पलायन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने की कोशिश की.