कर्नलगंज के वृद्ध की मौत के बाद डेथ सर्टिफिकेट पर पेच फंस गया है। बेटा दो दिन से भटक रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग से लेकर हैलट अस्पताल तक डेथ सर्टिफिकेट देने से पीछे हट रहे हैं। वृद्ध की मौत के बाद सैम्पल लिया गया, जिसकी रिपोर्ट जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के कोरोना लैब से निगेटिव आई है। साफ है कि मौत के समय उसे कोरोना संक्रमण नहीं था। वहीं, कमिश्नर के आदेश पर जांच कर रही कमेटी ने शुक्रवार को हैलट, कांशीराम अस्पताल और रामा मेडिकल कॉलेज से कागजात तलब किए हैं।
दो दिन पहले कर्नलगंज के वृद्ध (60) की हैलट में पहुंचने से पहले मौत हो गई थी। हैलट के डॉक्टरों ने मौत के बाद सैम्पल लेकर कोरोना लैब भेजे। उसी दिन ट्रू नॉट मशीन से सैम्पल की जांच की गई तो रिजल्ट पॉजिटिव आया। इस पर बुजुर्ग की मौत को शहर में कोरोना से नौंवी मौत माना गया। अंतिम पुष्टि के लिए आरटी-पीसीआर में सैम्पल लगाया गया। इसकी रिपोर्ट गुरुवार शाम को निगेटिव आई। इस बात की पुष्टि कोरोना लैब प्रभारी डॉ. प्रशांत त्रिपाठी भी कर रहे हैं। डॉक्टर का मानना है कि वृद्ध की मौत हार्ट अटैक या एक्यूट रेस्प्रेटरी सिन्ड्रोम के कारण हुई होगी। समय से अस्पताल लाया जाता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी। इलाज प्रबंधन में चूक साफ दिखाई दे रही है।
वहीं, वृद्ध के बेटे का कहना है कि वे अपने घर पर ही क्वारंटीन हैं। वालिद को समय पर इलाज मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी। अब दो दिन से लगातार भटक रहे हैं लेकिन कोई भी डेथ सर्टिफिकेट नहीं दे रहा है। हैलट का कहना है कि उनके यहां मरीज ब्राडडेड आया और उसका बाहर ही चेकअप हुआ तो सर्टिफिकेट दिया जाना संभव नहीं है। रामा मेडिकल कॉलेज या स्वास्थ्य विभाग सर्टिफिकेट देगा क्योंकि हैलट में वृद्ध का इलाज ही नहीं हुआ।