कोरोना वायरस संकट के बीच चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी नापाक हरकतें तेज कर दी हैं। सिक्किम सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के बाद इस बार चीन ने लद्दाख में एलएसी पर हिमाकत दिखाई है। लद्दाख के एलएसी के पास चीनी हेलिकॉप्टरों को देखा गया है, जिसके बाद भारतीय वायुसेना ने चीन को करारा जवाब देने के लिए लद्दाख में लड़ाकू विमानों की तैनाती कर दी है। दरअसल, यह घटना पिछले हफ्ते लगभग उसी समय घटी, जब चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच सिक्किम में झड़प हुई थी। इस झड़प में दोनों ओर के सैनिकों को हल्की चोटें आई थीं।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, 'चीनी सैन्य हेलिकॉप्टर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के काफी करीब से उड़ान भर रहे थे। उनके विमानों की गतिविधि पता चलने के बाद भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान ने इलाके में गश्त लगाई। नाम न जाहिर होने की शर्त पर सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीनी हेलिकॉप्टरों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार करके भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया। बता दें कि भारतीय वायुसेना अक्सर अपने सुखोई 30एमकेआई लड़ाकू विमानों और अन्य विमानों के साथ लद्दाख के लेह हवाई अड्डे से उड़ान भरती है।
चीन की यह हिमाकत ऐसे वक्त में आई है, जब भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने यह पाया है कि हंदवाड़ा एनकाउंटर के बाद पाकिस्तान ने सीमा पर एफ-16 एस और जेएफ-17 एस लड़ाकू विमानों के साथ अपनी गश्ती बढ़ा दी है। ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान को यह डर सता रहा है कि हंदवाड़ा का बदला लेने के लिए भारत संभावित जवाबी कार्रवाई कर सकता है। बता दें कि हंदवाड़ा में भारतीय सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे।
भारतीय वायुसेना के लेह और थोईस एयरबेस सहित लद्दाख क्षेत्र में दो प्रमुख एयरबेस हैं, जहां लड़ाकू विमान स्थायी रूप से तैनात नहीं होते हैं, मगर लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन की एक टुकड़ी साल भर यहां परिचालन की स्थिति में रहती है। इससे पहले भी कई मौकों पर चीनी सैन्य हेलिकॉप्टरों ने लद्दाख सेक्टर में भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया है और जानबूझकर भारत के अभिन्न हिस्से पर सांकेतिक तौर पर दावा करता रहा है।
बता दें कि इससे पहले खबर आई थी उत्तरी सिक्किम सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने आ गए थे। उनके बीच हुई झड़प में दोनों देशों के सैनिक घायल हुए हैं। बीते शनिवार को हुए इस टकराव के दौरान चार भारतीय सैनिक और आधा दर्जन चीनी सैनिक घायल हो गए। टकराव नाकु ला सेक्टर में हुआ जो मुगुथांग से आगे है और 5000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है। कुल मिलाकर टकराव के वक्त वहां 150 सैनिक मौजूद थे, जिसे बाद में स्थानीय स्तर पर हल किया गया।
सूत्रों ने कहा था कि झड़प की इस घटना में दोनों पक्षों की ओर से आक्रामक व्यवहार हुआ और हल्की चोटें आईं। स्थानीय स्तर पर बातचीत के बाद उन्हें सुलझा दिया गया। सैनिकों ने इस तरह के मुद्दों को स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार पारस्परिक रूप से हल किया है।
यह पहली बार नहीं है, जब भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सीमा पर इस तरह के टकराव हुए हैं। अगस्त 2017 में, भारतीय और चीनी सैनिकों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंके थे और लद्दाख में पैंगॉन्ग झील के पास मारपीट की थी। इस झड़प ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया था क्योंकि यह उस समय हुआ था जब सिक्किम में डोकलाम क्षेत्र को लेकर गतिरोध बना हुआ था।