• वाराणसी • केशरी न्यूज़ 24• 08 May 2020 •
मजदूर स्पेशल ट्रेन में सवार लोगों ने सूरत से वाराणसी 27 घंटे की यात्रा थोड़ी सी खिचड़ी और एक बोतल पानी के सहारे पूरी की। यहां उतरे लोगों ने बताया कि वे दोपहर में करीब दो बजे सूरत से निकले थे। रास्ते में कटनी में उन्हें खिचड़ी और पानी दिया गया। हालांकि यहां पहुंचने के बाद सभी चेहरे पर सुकून दिखा। ट्रेन से उतरे हर-एक यात्री को यहां रेल अधिकारियों ने चॉकलेट और पानी मुहैया कराया। बसों में लंच पैकेट तथा पानी उपलब्ध कराया गया।
यहां अपनी दो छोटी बच्चियों और पत्नी के साथ उतरे अंबेडकर नगर के पैतीपुर के सीरम वर्मा ने कहा, बच्चियों की हालत देखकर मन सिहर जा रहा था। रास्ते में दूध भी नहीं मिला। पानी गर्म हो जा रहा था। डर यही था कि बच्चियों को कुछ ना हो जाए। मैं और पत्नी अपने हिस्से का पानी बचाकर रखे थे, ताकि बच्चों को दिया जा सके। फैजाबाद के शिवम पत्नी और एक साल की बेटी तथा पड़ोस के राजन के साथ लौटे थे।
बताया, भूख से सभी बेहाल थे। वहां से भी कुछ खाने के लिए नहीं मिला। किसी तरह रात कटी। दिन में कटनी में जाकर खिचड़ी और एक बोतल पानी मिला। गाजीपुर के सलेमपुर गांव के रामसरेख और उनका बेटा परमहंस सूरत में कपड़े के कारखाने में काम करने गये थे। बताया कि एक तो उनसे टिकट से अधिक रुपये लिये गये और रास्ते में केवल एक बार खाना मिला। वे सभी बेहाल हैं। बस घर पहुंचना चाहते हैं। कहा कि यहां पर उनकी मदद हो रही है। प्रयागराज के फूलपुर के सालिक राम यादव वहां मजदूरी करते थे। बताया, किसी तरह दो माह कटा। ट्रेन में भी भूखे-प्यासे आये हैं।
किस-किस जिले के लोग आ रहे, यही नहीं पता था
वाराणसी। सूरत से कैंट आई ट्रेन में आने वाले मजदूरों को लेकर भी सूचना प्रशासन के पास सही नहीं थी। पहले वाराणसी के 911, प्रयागराज के 296 और जौनपुर के नौ लोगों के यहां उतरने की सूचना थी। इसके लिए इन जनपदों के लिए कुल 28 डेस्क भी बना लिये गये थे। हालांकि ट्रेन के आने पर पता चला कि इसमें कई जनपदों के मजदूर हैं। ऐसे में एकबार फिर नए सिरे से व्यवस्था बनानी पड़ी।