देश में कोरोना के मामलों की बढ़ती संख्या देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि लॉकडाउन 5.0 के दौरान भी स्कूलों को खोलने और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध बरकरार रहेगा। हालांकि, व्यापारियों ने अभी से बाजार खोलने का समय बढ़ाने की मांग करनी शुरू कर दी है।
इस बीच 31 मई को रविवार का दिन पड़ रहा है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिन अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में इससे संबंधित विषय को उठाकर जनता को संबोधित कर सकते हैं।
इसमें एक जून से आगे भारत में किस प्रकार की गतिविधियों को अनुमति मिलेगी, इसका एक खाका पेश किया जा सकता है। लॉकडाउन एक की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही की थी और इसके बाद एक बार लॉकडाउन को बढ़ाने की जानकारी भी उन्होंने ही दी थी।
लॉकडाउन में कैसी रही स्थिति
25 मार्च से देश में पहला लॉकडाउन घोषित किया गया था। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पहले लॉकडाउन के दौरान प्रत्येक दिन औसतन 18 लोगों की मौत हुई थी। जबकि लॉकडाउन दो के दौरान यह आंकड़ा 56 तक पहुंच गया था।
लॉकडाउन तीन में यह आंकड़ा 106 तक पहुंच गया था। केंद्र सरकार का कहना है कि इस दौरान देश में कोरोना से मौत के आंकड़ों के बढ़ने की दर लगातार कम हुई है। यह 3.33 फीसदी से घटकर तीन फीसदी से भी नीचे आ गई है। आगे इसमें और सुधार होने की संभावना है।
लॉकडाउन 1.0 के दौरान प्रतिदिन औसतन 520 नए मामले सामने आ रहे थे, जबकि लॉकडाउन 2.0 के दौरान यह आंकड़ा 1647 तक पहुंच गया था। लॉकडाउन 3.0 में यह आंकड़ा 3501 तक पहुंच गया।
लॉक डाउन 4.0 के खत्म होने में अभी भी तीन दिन बाकी हैं, लेकिन अभी भी रोज 6-7 हजार नए मामले रोज जुड़ रहे हैं। इसे देखते हुए कुछ लोग ज्यादा छूट दिए जाने को लेकर विरोध भी कर रहे हैं।
कितनी मिलेगी छूट
हालांकि, लॉकडाउन 4.0 में राज्यों को मिले अधिकारों के मद्देनजर माना जा रहा है कि सरकार लॉकडाउन 5.0 में ज्यादातर गतिविधियां राज्यों के हाथों में दे देगी।
केवल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और स्कूलों को खोलने पर रोक जारी रह सकती है। इस दौरान मेट्रो गतिविधियों के परिचालन की अनुमति मिल सकती है।
इसी प्रकार अंतरराज्यीय बसों के आवागमन को भी पूरी तरह छूट मिल सकती है।
धार्मिक स्थलों को खोलने पर अभी कोई खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि इस पर प्रतिबंध बरकरार रह सकता है। इसी प्रकार बड़े धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों को भी अनुमति नहीं मिल सकती है।
इस बीच व्यापारियों की मांग है कि बाजारों को खोलने का समय बढ़ाया जाए। दिल्ली में सत्तारुढ़ दल आम आदमी पार्टी के व्यापार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक ब्रजेश गोयल ने कहा कि व्यापारी बाजारों को खोलने के समय में बढ़ोतरी चाहते हैं।
अभी बाजार को सात बजे तक खोलने की अनुमति मिली है। लेकिन गर्मी के कारण ज्यादातर लोग घरों में ही रहते हैं। बाजार खुलने के बाद भी कनाट प्लेस जैसे एरिया में बहुत कम लोग ही खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे व्यापारियों की मांग सरकार तक पहुंचाएंगे।
बाजारों को खोलना कितना सही
वहीं, अनेक लोग बाजारों को और अधिक छूट देने और गतिविधियों को छूट देने का विरोध कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि दिल्ली में रिकॉर्ड स्तर पर कोरोना के नए-नए मरीज सामने आ रहे हैं। बुधवार को भी दिल्ली में रिकॉर्ड 792 नए केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का अनुमान है कि ज्यादा छूट मिलने से कोरोना के मामलों में तेज बढ़ोतरी हो सकती है।