कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन का दौर है. इस बीच ईद का त्यौहार है. लेकिन बाजारों में रौनक गायब है चारों तरफ सन्नाटा पसरा है. लॉकडाउन की बंदिशों ने त्यौहार को फीका कर दिया. हालांकि तमाम लोगों ने ईद के त्यौहार को सादगी से मनाने का फैसला किया है
प्रयागराज, । रमज़ान के तीस रोज़ों के बाद खुशियों की नई सौगात लेकर आने वाला ईद -उल- फितर यानी ईद का त्यौहार कल समूचे देश में पूरी अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाएगा. हालांकि इस बार के त्यौहार पर कोरोना की महामारी और लॉकडाउन की बंदिशों का असर साफ़ तौर पर देखने को मिल रहा हैं. संगम नगरी प्रयागराज में हमेशा ईद से पहले बाजार भीड़ से गुलज़ार रहते थे. सडकों पर खासी चहल पहल रहती थी. कई जगहों पर तो तिल रखने की जगह नहीं होती थी और. सड़कों पर लंबा जाम लग जाता था, लेकिन इस बार बाज़ार लॉक हैं.
जेबें डाउन हैं और कोरोना का कहर ईद की खुशियों में खलल डाल रहा है.
प्रयागराज के बाज़ार पिछले दो महीनों से बंद हैं. शहरी इलाके के तीन बाज़ारों की दुकानें ट्रायल के तौर पर रोस्टर के मुताबिक़ दो दिन खोली भी गईं, लेकिन इसके बावजूद खरीददारों की भीड़ बाहर नहीं निकली. आज भी इक्का दुक्का जो दुकानें खुली हुई हैं, वहां भी सन्नाटा पसरा हुआ है. वैसे प्रयागराज के लोगों ने काफी पहले ही यह तय कर लिया था कि इस बार ईद का त्यौहार वह सादगी के साथ मनाएंगे. घरों पर ही नमाज़ अदा करेंगे और किसी तरह का जश्न व दावत नहीं करेंगे.
प्रयागराज के कारोबारियों को इस बार दोहरा नुकसान उठाना पड़ा है. एक तो उनका कारोबार पिछले दो महीने से पूरी तरह ठप्प है और दूसरा ईद का बड़ा मौका भी उनके हाथ से निकल गया है. कहा जा सकता है कि ईद की खुशियों पर इस बार कोरोना का असर साफ़ तौर पर नज़र आ रहा है. खरीददारों में उत्साह नहीं है. कारोबारी मायूस हैं और हर कोई कोरोना का कहर जल्द से जल्द ख़त्म होने की दुआएं मांग रहा है.