राम मंदिर के निर्माण के लिये काम तेजी से शुरू हो गया है. लॉकडाउन में निर्माण की रफ्तार धीमी हो गई थी. लेकिन चौथे दौर में रियायत बढ़ाये जाने के बाद काम में एक बार फिर से तेजी आई है. यहीं नहीं निर्माण के लिये लोग लगातार दान दे रहे हैं
अयोध्या, लॉक डाउन के दौरान अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 4 करोड़ 60 लाख रुपए दान के रूप में आए हैं. इन पैसों को अलग-अलग दानदाताओं ने राम मंदिर निर्माण के लिए खोले गए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते में जमा कराए गए हैं. राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि पैसे की कमी के चलते राम मंदिर निर्माण में कोई बाधा ना उत्पन्न हो और भव्य और दिव्य गगनचुंबी राम मंदिर का निर्माण हो यही भक्तों की कामना है और इसीलिए वह दान दे रहे हैं. राम मंदिर निर्माण के लिए लगातार भक्त दान दे रहे हैं और इसके लिए मैं सभी दानदाताओं को धन्यवाद देता हूं.
मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का कहना है कि भगवान राम ने बहुत तपस्या की। 14 वर्ष तक वन में रहे. त्रेता युग में जब उनको राजसत्ता मिलनी था लेकिन ऋषियों के आश्रम में दर दर भटकना पड़ा और जिस उद्देश्य से आए उसको उन्होंने पूरा किया. भगवान राम 27 वर्ष तक तिरपाल में रहे और आज भी तिरपाल से उठकर के लकड़ी के अस्थाई मंदिर में विराजमान हैं, जो उसकी अपेक्षा ठीक है. पहले से बहुत व्यवस्थित हो गया है. लेकिन रामलला के लिए भव्य और दिव्य मंदिर बने ऐसी संतों की मांग है.
सत्येंद्र दास का कहना है कि सरकार भी कह चुकी है कि गगनचुंबी मंदिर बने और उसका कार्य भी शुरू हो गया है. समतलीकरण का इसलिए चार करोड़ 60 लाख जो दान के रूप में रामलला के खाते में आए हैं उन दानदाताओ को मैं धन्यवाद देता हूं. उनका उद्देश्य यही है कि पैसे की कमी से मंदिर निर्माण में बाधा न आये. रामलला के नाम से खाता खुला है, उसमें लोग दान दे रहे हैं.