उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सूबे में युवा उद्यमियों की फौज खड़ी करने में जुट गई है। इसके लिए सरकार ने विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में स्टार्टअप को नए विषय के तौर पर जोड़ने योजना तैयार की है। सीएम योगी का फोकस नौजवानों को ‘जाॅब सीकर नहीं, जाॅब प्रोवाइडर’ बनाने पर है। ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के फाइनल ईयर में एक साल की स्टडी लीव देने की भी योजना तैयार की गई है।
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक स्टडी लीव के दौरान छात्र को इंटर्नशिप कराने की तैयारी है। सरकार का मानना है कि इससे छात्रों को युवा उद्यमी बनाने के लिए प्रेरित करने में आसानी आएगी और वे खुद का उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। बताया जा रहा है कक इस योजना में एक लाख छात्रों को पहले साल में शामिल किया जाएगा, उन्हें इंटर्नशिप के दौरान प्रतिमाह ढाई हजार का मिलेगा भत्ता भी देंगे। सरकार इन छात्रों का प्रोजेक्ट वर्क पाठ्यक्रम का हिस्सा भी बने देंगी।
बताया जा रहा है सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ को स्टार्टअप हब बनाने कवायद में जुट चुके हैं। दस हजार से भी अधिक स्टार्टअप यूपी में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। सिडबी की मदद से योगी सरकार ने कार्पस फंड बना सकती है। वहीं सरकार हर जिले में स्टार्टअप इकाई बनाएगी। अधिकारियों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश स्टार्टअप फंड में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) को 15 करोड़ की प्रथम किश्त भी सौंप दी है। प्रदेश सरकार और सिडबी के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। इससे बाहर से आए कामगार और श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने में भी मदद मिलेगी।