रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा है कि अभी तक 45 लाख श्रमिकों को घरों तक पहुंचाया गया है। इनमें से 36 लाख श्रमिकों को एक से दूसरे राज्य ले जाया गया तो 10 लाख श्रमिकों को राज्य के भीतर ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया गया। उन्होंने यह भी बताया कि सबसे अधिक ट्रेनें यूपी और बिहार के लिए चल रही हैं। अभी तक कुल 80 पर्सेंट ट्रेनें यूपी और बिहार गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक जरूरत पड़ेगी, श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलती रहेंगी।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि अगले 10 दिनों में 2600 ट्रेनों के जरिए 36 लाख यात्रियों को घर पहुंचाया जाएगा। राज्य सरकारों से कहा गया है कि हम राज्य के भीतर भी ट्रेन चलाने को तैयार हैं। जो भी राज्य सरकार डिमांड करती है वहां ट्रेन सुविधा दी जा सकती है।
रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि अब तक 48.5 पर्सेंट (1246) ट्रेनें उत्तर प्रदेश गई हैं तो 31.3 फीसदी (804) ट्रेनें बिहार गई हैं। इसके बाद 112 ट्रेनें मध्य प्रदेश, 124 ट्रेनें झारखंड गई हैं। 19 मई से 200 से अधिक ट्रेनें चल रही हैं। सबसे अधिक 279 ट्रेनें 20 मई को चलीं। 21 को 265 और 22 मई को 255 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि 1 जून से शुरू की जा रही 200 ट्रेनों के लिए किराया नहीं बढ़ाया गया है। लॉकडाउन से पहले जो किराया था वह अब भी लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गैर जरूरी यात्राओं में कमी के उद्देश्य से रियायतों को रोका गया है।
देश में 4 करोड़ प्रवासी
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि 2011 जनगणना के मुताबिक देश में 4 करोड़ प्रवासी हैं। उन्होंने यह अभी 200 से ज्यादा ट्रेनें हर दिन चल रही हैं। 40 लाख श्रमिकों को बसों के जरिए भी ले जाया गया है।