लॉकडाउन से बाहर आने पर उत्तर प्रदेश निर्यात के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाने की तैयारी में हैं। मेक इन यूपी ब्रांड विकसित किया जाएगा। साथ ही निर्यातकों को बड़ी सहूलियतें दी जाएंगी। नई नीति में जिलों को निर्यात हब के रूप में विकसित करने की तैयारी है। डीएम की अध्यक्षता में जिला निर्यात बंधु बनेगा। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार उद्यमियों को कई तरह की रियायतें भी देगी।
निर्यात में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी करने वाले अतिरिक्त निर्यात करेंगे तो उसका एक प्रतिशत (अधिकतम एक करोड़ रुपये) प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे। सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) में अपने टर्न ओवर का 50 प्रतिशत से अधिक का निर्यात करने वाली कंपनियां पांच साल तक इलेक्ट्रसिटी ड्यूटी से छूट का अतिरिक्त लाभ पाएंगी।
माल को बंदरगाह तक पहुंचाने के लिए दो करोड़ की भाड़ा प्रतिपूर्ति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एमएसएमई विभाग ने 2020 से 2025 तक की नई निर्यात नीति का मसौदा तैयार कर लिया है। इसे जल्दी ही मंत्रिपरिषद से पास कराया जाएगा। माल को बंदरगाह तक पहुंचाने के लिए एक साल में एक यूनिट को अधिकतम 2 करोड़ रुपये भाड़ा प्रतिपूर्ति के रूप में दिए जांएगे। ट्रक से माल भेजने पर 50 लाख सालाना मिलेंगे। लखनऊ व वाराणसी के एयर कार्गो काम्प्लेक्स समेत देश के अन्य कार्गो से उत्पाद भेजने पर अब दो लाख रुपये के बजाए सालाना अधिकतम 25 लाख रुपये देने की योजना है।