कृषि और किसान सशक्तिकरण विभाग के सचिव सौरभ गर्ग ने कहा कि दलहन, तिलहन और मसालों एवं सब्जियों जैसी अन्य नकदी फसलों का रकबा बढ़ाने पर जोर रहेगा, ताकि किसान को बेहतर दाम मिल सके।
उन्होंने मंगलवार को कहा, ’’राज्य सरकार ने खरीफ के मौसम में 61.80 लाख हेक्टेयर भूमि पर खेती से 96 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा है।’’
राज्य की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर करती है। सरकार ने कोविड-19 से प्रभावित किसानों के लिए 200 करोड़ रुपये के विशेष सहायता पैकेज की घोषणा की है।
कोविड-19 संकट के बीच कृषि और बागवानी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने एक विशेष योजना तैयार की है। इससे करीब 25 लाख किसानों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है।
गर्ग ने कहा कि अन्य शहरों से लौटे प्रवासी मजदूरों को काम देने के लिए 1,03,000 तालाबों की खुदाई की योजना बनायी गयी है। साथ ही ग्रामीण कार्यबल को काम में लगाने के लिए 19,900 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण की योजना बनायी गयी है।
उन्होंने कहा कि खरीफ के मौसम में किसानों का जोखिम कम करने के लिए राज्य सरकार 30 लाख से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लाएगी।
मई के अंत तक राज्य में छह लाख से अधिक किसानों को कुल 2,649 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है।
खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण और सहकारी विभाग के सचिव वीर विक्रम यादव ने कहा कि सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को 9,000 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। पिछले साल इस मद में 7,500 करोड़ रुपये दिए गए थे।
उन्होंने कहा कि 750 स्वयं सहायता समूहों को 10.78 करोड़ रुपये और 4,026 संयुक्त उत्तरदायित्व समूहों को 23.38 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है।
दलहन और तिलहन की खरीद के लिए कुल 171 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को काम पर लगाया गया है।