AMU के छात्र-छात्राओं को अब ऑनलाइन परीक्षा से घबराने की जरूरत नहीं है। ऑनलाइन परीक्षा के लिए घर पर संसाधन नहीं हैं तो टेलीफोन के जरिए एग्जाम हो सकेंगे। कुछ विभागों में परीक्षाएं अगस्त में कराने पर भी विचार चल रहा है।
एएमयू में 32 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। कोरोना महामारी के चलते एहतियात बरता जा रहा है।
इसके चलते अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट एवं बैक पेपर (पूर्व सेमेस्टर/ प्रथम/वार्षिक परीक्षा) के फाइनल सेमेस्टर/टर्म एवं वार्षिक परीक्षा ऑनलाइन और ओपन बुक मोड से कराने का निर्णय लिया गया था। छात्र-छात्राओं से कहा गया था कि वह अपने निवास स्थान पर ऑनलाइन परीक्षा के लिए व्यवस्था पहले ही कर लें।
इसका छात्रों एवं शिक्षकों ने विरोध शुरू किया तो इंतजामिया को एकेडमिक काउंसिल की बैठक बुलानी पड़ी। बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन विद्यार्थियों के पास संसाधनों का अभाव है,
वह फोन के जरिए भी एग्जाम दे सकते हैं। संबंधित विभाग के शिक्षक 30 अंकों का वायवा फोन के जरिए लेकर छात्र को अंक दे सकते हैं। परीक्षाएं 10 जुलाई के बाद आयोजित होनी थीं, लेकिन अब यह निर्णय विभागों पर छोड़ दिया गया है।
विभाग अपने स्तर से परीक्षाएं संपन्न करा सकते हैं। इसके बाद कई विभाग परीक्षा अगस्त में कराने की तैयारी में हैं।
इंटरनल असाइनमेंट के 30 से बढ़ाकर 70 अंक किए :
विश्वविद्यालय इंतजामिया की ओर से विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा राहत देने का योजना बनायी जा रही है।
इंटरनल असाइनमेंट के पहले 30 अंक मिलते थे। अब इन अंकों को बढ़ाकर 70 कर दिया गया है। ऐसे ही फाइनल एग्जाम 70 अंक के होते थे, इनको 30 अंक का कर दिया गया है।
इनके जरिए आयोजित हो सकती हैं परीक्षाएं :
विवि में इस बार ओपन बुक एसाइनमेंट, प्रोजेक्ट, प्रेजेंटेशन एवं वायवा के जरिए परीक्षाएं आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है।
जिन विभागों में प्रैक्टिकल के जरिए विद्यार्थियों को अंक दिये जाने थे। उनमें अब प्रोजेक्ट देखकर उसके आधार पर अंक दिये जाएंगे।
एएमयू कुलसचिव अब्दुल हमीद ने बताया कि विद्यार्थियों ने ऑनलाइन एग्जाम में संसाधनों के अभाव की बात बताई थी।
इसको ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है कि जिन छात्र-छात्राओं के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, उनका एग्जाम फोन कॉल के जरिए भी लिया जा सकता है। परीक्षार्थियों की सहूलियत के लिए अन्य कदम भी उठाये गये हैं।