बीआरडी मेडिकल कॉलेज मे कोरोना जांच में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। सोमवार को मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलॉजी के कर्मचारियों ने छह लोगों की गलत रिपोर्ट जारी कर दी। इनमें से चार आयुष डॉक्टर हैं।
सभी एयरफोर्स के पास स्थित 100 बेड टीबी अस्पताल में तैनात रहे। इस अस्पताल को ही विभाग ने क्वारंटीन सेंटर में तब्दील किया है। यहां संदिग्धों के नमूने लिए जाते हैं। छह परिवारों की सांस करीब 10 घंटे तक अटकी रही।
देर रात दी बीआरडी प्रशासन ने भूल को सुधार लिया। शासन के कोरोना संक्रमितों के सूचना पोर्टल से छहों के नाम हटाए। जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।
बताया जाता है कि सोमवार को बीआरडी प्रशासन ने 11 लोगों के नमूनों की पॉजिटिव होने की रिपोर्ट जारी की।
इसमें 100 बेड टीबी अस्पताल में तैनात चार आयुष के डॉक्टर, सूर्य विहार कॉलोनी निवासी महिला और झारखंडी निवासी पुरुष शामिल थे।
चारों डॉक्टर महानगर के राप्तीनगर, चरगांवा, सूरजकुंड और टीबी अस्पताल के क्षेत्र में रहते हैं।
सभी को कर दी गई थी सूचना
बीआरडी से रिपोर्ट जारी होने के बाद स्वास्थ विभाग ने शाम को सभी को सूचित कर दिया। उन्हें क्वारंटीन रहने की हिदायत दे दी। रात में उन्हें रेलवे अस्पताल में भर्ती करने की तैयारी की गई। चारों कॉलोनी में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने सर्वे शुरू कर दिया।
रात में बीआरडी ने किया अपडेट
देर रात बीआरडी प्रशासन को चूक का पता चला। आनन-फानन में शासन के पोर्टल से छह नाम हटाए गए। इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई।
बीआरडी ने गलती से जारी की थी सूची। बीआरडी प्रशासन ने गलती सुधार ली है। हालांकि बीआरडी प्रशासन ने सूचित किया है कि मंगलवार को सभी के नमूने दोबारा जाएंगे।
डॉ. श्रीकांत तिवारी, सीएमओ