बीएचयू में मूल्यांकन नीति पर मंथन चल रहा है। इसके लिए चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक की अध्यक्षता में समिति गठित की गयी है। कोविड 19 के चलते अगर परीक्षाएं नहीं हो सकीं तो छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश देने की तैयारी होगी। इस बीच हिन्दी विभाग के दो विदेशी छात्रों को अंकपत्र दिये जा चुके हैं।
वार्षिक परीक्षा को लेकर छात्र पहले से ही तनाव में हैं। कम समय में परीक्षा की पूरी तैयारी भी आसान नहीं लग रही है। बीएचयू के हेल्पलाइन पर फोन करने वाले ज्यादातर छात्रों का सवाल परीक्षा को लेकर ही होता है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए इतने सारे बच्चों की परीक्षा कराना भी आसान नहीं है। विश्वविद्यालय में रहने वाले विदेशी छात्र भी अपने देश लौट गए हैं। अंतराष्ट्रीय उड़ान पर प्रतिबंध के चलते उनका आ पाना फिलहाल मुश्किल है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन ने मूल्यांकन नीति बनाने के लिए विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल त्रिपाठी की अध्यक्षता में डीन, डायरेक्टर व विभागाध्यक्षों की एक समिति बनाई है। जो इस समस्या के निराकरण के लिए प्रयास कर रही है। इस समिति की एक बैठक हो चुकी है। विश्वविद्यालय ने हिन्दी विभाग के दो विदेशी छात्रों को अब तक मिले अंकों के आधार पर मूल्यांकन कर पास कर दिया है। फिजी सरकार तथा भारतीय सांस्कृतिक सबंध परिषद के अनुरोध पर उन्हें प्रोविजनल सर्टिफिकेट भी दे दिया है। विश्वविद्यालय ने अपने ऑफिशियल ट्विटर पर इस जानकारी को साझा भी किया।