लखनऊ (Lucknow) में कैसरबाग डिपो के एआरएम गौरव वर्मा ने बताया कि अभी तक डीजल चोरी के 4 मामलों में कार्रवाई की गई है. मामले की जांच आगे जारी है और कई और ड्राइवर भी डीजल चोरी के मामले में रडार पर हैं. जल्द ही इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
प्रवासी श्रमिकों (Migrant Laborers) को उनके घरों तक पहुंचाने में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. दिन-रात एक करके विभाग के कर्मचारी श्रमिकों और लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं. लेकिन इसी कोरोना काल मे यूपीएसआरटीसी के कुछ ड्राइवर जमकर डीजल चोरी भी कर रहे हैं. मामला लखनऊ के चारबाग और कैसरबाग बस अड्डे का है. बसों से डीजल चुराने का खुलासा होने पर परिवहन निगम के अधिकारियों ने 4 ड्राइवरों को बर्खास्त कर दिया है. साथ ही चारबाग डिपो में डीजल चोरी के मामले में सरोजनी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराकर एक ड्राइवर को जेल भी भेजा गया है.
ऐसे खुला मामला : असल में मामला तब खुला, जब चारबाग रेलवे स्टेशन से श्रमिकों को बाराबंकी छोड़कर वापस लौटी बस में 62 किलोमीटर की दूरी तय की और इस दौरान बस के ड्राइवर ने डीजल की खपत 149 लीटर दिखाई. बस के 6 किलोमीटर चलने पर औसतन 1 लीटर डीजल खर्च होता है, इस हिसाब से बाराबंकी तक जाना और वापस आने में 10 से 12 लीटर डीजल खर्च होना चाहिए था. परिवहन निगम की बसों से डीजल चोरी होने के बड़े खुलासे के बाद अब अधिकारी भी सकते में हैं.कई बस ड्राइवरों ने बीच रास्ते में डीजल निकालकर ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानों को बेच दिया करते थे । खुलासा तब हुआ, जब बस नंबर के आधार पर बसें कितने किलोमीटर चलीं और औसतन कितना डीजल खर्च हुआ ? इसकी जांच कराई गई. जांच में कई बसों के संचालन चंद किलोमीटर के दिखे लेकिन उन पर डीजल खर्च सैकड़ों किलोमीटर के हिसाब से दर्शाया गया था. संदेह होने पर कैसरबाग डिपो के 4 ड्राइवरों से जवाब तलब किया गया. ड्राइवरों ने डीजल औसत कम देने, बस का इंजन स्टार्ट रहने और प्रशासन के कहने पर श्रमिकों को उनके घर तक नजदीक छोड़ने की वजह से अधिक डीजल खर्च होने की दलील दी.
कैसरबाग डिपो के एआरएम गौरव वर्मा ने बताया कि अभी तक डीजल चोरी के 4 मामलों में कार्रवाई की गई है. मामले की जांच आगे जारी है और कई और ड्राइवर भी डीजल चोरी के मामले में रडार पर हैं. जल्द ही इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.