Puri : रथयात्रा को लेकर अभी भी घमासान, मुस्लिम समाजसेवियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका किया दायर

KESHARI NEWS24

ओडिशा पूरी , जगन्नाथ रथयात्रा को लेकर अभी भी उम्मीद की किरण बाकी है। एक मुस्लिम समाजसेवी ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि रथयात्रा निकालने पर न्यायालय को फिर से सोचना चाहिए। पुरी शहर को टोटल शटडाउन करके मंदिर के पुजारी और सेवकों द्वारा ही रथयात्रा निकाली जा सकती है। श्रीजगन्नाथ रथयात्रा की परंपरा टूटने से बचाई जा सकती है। याचिका पर रविवार या सोमवार को सुनवाई हो सकती है।

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कोरोना वायरस के कारण 23 जून को निकलने वाली जगन्नाथ रथयात्रा पर रोक लगा दी थी। इसी फैसले पर पुनर्विचार के लिए उड़ीसा के मायागढ़ जिले के आफताब हुसैन ने शुक्रवार को याचिका दायर की है। श्री हुसैन के वकील प्रणयकुमार मोहपात्रा ने बताया कि याचिका श्री जगन्नाथ मंदिर की परंपरा और पूरे उड़ीसा के लोगों की आस्था को देखते हुए लगाई गई है।

हमने याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि 23 जून को पूरी शहर को पूरी तरह शटडाउन किया जाए। किसी को भी घर से निकलने की अनुमति ना हो। मंदिर में 1172 सेवक हैं। इन सभी का कोविड-19 टेस्ट किया जा चुका है जो नेगेटिव आया है। तीनों रथ खींचने के लिए 750 लोगों की आवश्यकता होती है। मंदिर के पास 1172 सेवक हैं। ये ही लोग ही रथयात्रा के रथों को खींचकर गुंडिचा मंदिर तक ले जा सकते हैं। इस तरह रथयात्रा बिना बाहरी लोगों के शामिल हुए भी निकाली जा सकती है

  • पुरी शंकराचार्य ने भी फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा

पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने भी कहा है कि न्यायालय को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए। लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए रथयात्रा पर रोक लगाना स्वागत योग्य है लेकिन कोई मध्य मार्ग निकालना चाहिए, जिससे श्री मंदिर की परंपरा भी ना टूटे।

  • गुरुवार को ही लगाई थी रोक 

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने भुवनेश्वर के एनजीओ उड़ीसा विकास परिषद की याचिका पर फैसला दिया था कि इस साल उड़ीसा में कहीं भी रथयात्रा का आयोजन ना हो। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा था - अगर कोरोना के बीच हमने इस साल रथयात्रा की इजाजत दी तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब महामारी फैली हो, तो ऐसी यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती, जिसमें बड़ी तादाद में भीड़ आती हो। लोगों की सेहत और उनकी हिफाजत के लिए इस साल यात्रा नहीं होनी चाहिए। चीफ जस्टिस की बेंच ने ओडिशा सरकार से कहा कि इस साल राज्य में कहीं भी रथयात्रा से जुड़े जुलूस या कार्यक्रमों की इजाजत न दी जाए।

  • मंदिर समिति की मीटिंग रही बेनतीजा 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुक्रवार को मंदिर समिति की बैठक सुबह 11 बजे रखी गई। इसमें किसी तरह का निर्णय नहीं हो पाया। शाम को 6 बजे फिर से बैठक होगी। मंदिर समिति इस मामले में पुरी शंकराचार्य से भी मार्गदर्शन ले रही है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !