मुंबई: टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कोविड-19 के समूह के कारोबार पर असर पड़ने संबंधी अटकलों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा है कि टाटा संस की वित्तीय स्थिति मजबूत है. समूह की दूसरी कंपनियों की मदद करने के लिए टाटा संस के पास पर्याप्त मात्रा में कैश है. टाटा समूह की नकदी जुटाने के लिए अपने किसी निवेश को बाजार में भुनाने की कोई योजना नहीं है.
टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के निदेशक मंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में समूह की कंपनियों को फंड आवंटन पर चर्चा हुई. साथ ही बैठक में उन क्षेत्रों को प्राथमिकता देने पर भी विचार-विमर्श किया गया जिन्हें नकदी की अधिक जरूरत है.
चंद्रशेखरन ने बयान में कहा, ''उन्होंने कहा कि अन्य कंपनियों की तरह टाटा समूह भी कोरोना वायरस की वजह से चुनौतियों और अवसरों दोनों का सामना कर रहा है. समूह पर कोविड-19 के प्रभाव संबंधी खबरों को दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए उन्होंने कहा कि समूह नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि इन खबरों का मकसद टाटा समूह के प्रदर्शन को नजरअंदाज और समूह के मानद चेयरमैन रतन एन टाटा की छवि को नुकसान पहुंचाना है.
चंद्रशेखरन ने कहा, ''हमारे समूह की सभी कंपनियां बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही हैं. हमें भरोसा है कि वे और मजबूत होकर उभरेंगी.'' विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों पर कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन का असर पड़ा है. सबसे अधिक प्रभावित होटल, वाहन, विमानन और उपभोक्ता सामान क्षेत्र हुए हैं. इन सभी क्षेत्रों में टाटा समूह की मौजूदगी है. टाटा स्टील और जेएलआर सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं. इसके अलावा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) भी महामारी के प्रभाव से बच नहीं सकी है. चंद्रशेखरन ने फरवरी, 2017 में टाटा समूह के चेयरमैन का पद संभाला था.