रिलायंस इंडस्ट्रीज और जियो प्लेटफॉर्म लिमिटेड ने शुक्रवार देर शाम एक और निवेश की घोषणा की है. अमेरिका की सिल्वर लेक एंड को-इनवेस्टर्स ने 4,546.80 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश जियो प्लेटफॉर्म में किया है. इससे पहले सिल्वर लेक ने 4 मई को 5,655.75 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
इस तरह से दो बार में सिल्वर लेक ने कुल 10,202.55 करोड़ रुपये का निवेश जियो प्लेटफॉर्म में किया है. रिलायंस जियो में दुनिया भर के निवेशकों की दिलचस्पी इतनी बढ़ गई है कि पुराने निवेशक भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने लगे हैं.
देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी डिजिटल इकाई जियो प्लेटफॉर्म के लिए बड़ी डील हासिल की है. कंपनी ने अबू धबी के सॉवरेन वेल्थ फंड मुबादला से हाथ मिलाया है. इसके तहत मुबादला ने जियो में $1.2 अरब (9,093.60 करोड़ रुपये) में 1.85 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है.
इस डील के लिए रिलायंस की जियो प्लेटफॉर्म की इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ रुपये और एंटरप्राइज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रुपये लगाई है है. बीते दो महीनों में रिलायंस के जियो प्लेटफॉर्म्स के लिए यह छठी डील थी. अब तक जियो सात डील कर चुकी है.
जियो की एक के बाद एक बड़ी डील से इसका आईपीओ दो साल में आने की उम्मीद बढ़ गई है. रिलायंस शुरू से ही जियो को अल्फाबेट या टेन्सेंट जैसी एक डिजिटल कंपनी का स्वरूप देने की बात करती रही है. रिलायंस अपने पेट्रोलियम बिजनेस की 20 फीसदी हिस्सेदारी सऊदी अरामको को भी बेच सकती है.
इस तरह से दो बार में सिल्वर लेक ने कुल 10,202.55 करोड़ रुपये का निवेश जियो प्लेटफॉर्म में किया है. रिलायंस जियो में दुनिया भर के निवेशकों की दिलचस्पी इतनी बढ़ गई है कि पुराने निवेशक भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने लगे हैं.
#Breaking | Reliance Ind Announces an additional investment of Rs 4,546.8 cr by Silver Lake in Jio Platforms
देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी डिजिटल इकाई जियो प्लेटफॉर्म के लिए बड़ी डील हासिल की है. कंपनी ने अबू धबी के सॉवरेन वेल्थ फंड मुबादला से हाथ मिलाया है. इसके तहत मुबादला ने जियो में $1.2 अरब (9,093.60 करोड़ रुपये) में 1.85 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है.
इस डील के लिए रिलायंस की जियो प्लेटफॉर्म की इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ रुपये और एंटरप्राइज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रुपये लगाई है है. बीते दो महीनों में रिलायंस के जियो प्लेटफॉर्म्स के लिए यह छठी डील थी. अब तक जियो सात डील कर चुकी है.
जियो की एक के बाद एक बड़ी डील से इसका आईपीओ दो साल में आने की उम्मीद बढ़ गई है. रिलायंस शुरू से ही जियो को अल्फाबेट या टेन्सेंट जैसी एक डिजिटल कंपनी का स्वरूप देने की बात करती रही है. रिलायंस अपने पेट्रोलियम बिजनेस की 20 फीसदी हिस्सेदारी सऊदी अरामको को भी बेच सकती है.