त्रिवेणी बांध स्थित बड़े हनुमान मंदिर में बाहरी प्रसाद-भोग पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। मंदिर की ओर से निर्मित प्रसाद-भोग ही चढ़ेगा। यह जानकारी मंदिर के महंत एवं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने दी। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि कोई भी भक्त बाहरी प्रसाद एवं अन्य वस्तु लेकर मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकेगा।
कोई भी दर्शनार्थी मूर्ति को स्पर्श नहीं करेगा। प्रसाद-भोग मंदिर के पुजारी को दिया जाएगा, जो उसे चढ़ाने के बाद लौटाएंगे। पुजारी हाथ में दस्ताना पहने होंगे और हर एक घंटे में पुजारी अपने हाथ को सेनिटाइज करेंगे। उन्होंने सभी मंदिरों में ऐसी ही व्यवस्था लागू करने का अनुरोध किया है साथ ही श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे निर्धारित गाइडलाइन का पालन करते हुए ही दर्शन करें। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे पूरे विश्व से कोरोना महामारी के समूल नाश के संकल्प के साथ दर्शन करते हुए ईश्वर से प्रार्थना करें।
उधर, अलोपशंकरी देवी मंदिर के महंत जमुनापुरी ने बताया कि आठ जून से मंदिर को दर्शन के लिए खोलने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार पर हाथ धोने के साथ ही सेनिटाइज करने की व्यवस्था रहेगी। जो श्रद्धालु मास्क पहनकर नहीं आएंगे उन्हें मंदिर की ओर से मास्क भी दिया जाएगा।