Varanasi : अनुष्ठान के लिए नवविवाहित जोड़ा पहुंचा तो जल पुलिस ने रोका,


वाराणसी. अनलॉक-1 में काशी के अधिकतर मठ-मंदिर आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए हैं, लेकिन घाटों पर अभी जनजीवन सामान्य नहीं हो पा रहा है। घाटों पर अघोषित कर्फ़्यू जैसे हालात हैं। मंगलवार सुबह शीतला प्रसाद घाट पर नवविवाहित जोड़ा गंगा पूजन करते दिखे। जिन्हें जल पुलिस द्वारा वापस कर दिया गया। वहीं, पुरोहितों का कहना है कि, पर्यटक व दर्शनार्थियों के न आने से रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

अनलॉक-1 में अनुष्ठान की अनुमति नहीं
काशी में 84 घाट हैं। अस्सी घाट से लेकर राजघाट तक लगभग घाटों की लंबी श्रृंखला में करीब 10 हजार से ज्यादा नाविक गंगा में नौकायन कर अपनी आजीविका चलाते हैं। वहीं, पुरोहित, कर्मकांडियों की भी आजीविका पर्यटकों पर ही निर्भर है। 22 मार्च से ही यहां नावों का संचालन व घाटों पर कर्मकांड बंद हैं। मंगलवार को राजेंद्रप्रसाद घाट पर सन्नाटा पसरा दिखा तो बगल के शीतला घाट पर नवविवाहित जोड़ें गंगा पूजा करते दिखे। जिला प्रशासन की ओर से अनलॉक-1 में भी गंगा घाटों पर किसी भी तरह के अनुष्ठान की अनुमति नहीं दी गई है।

ऐसे में घाट पर भीड़, गंगा स्नान, पूजन करने वालों को देख जल पुलिस द्वारा उन्हें घाटों से दूर व सामजिक दूरी बनाए रखने की चेतावनी दी गई। नवविवाहित सुनील कुमार ने बताया कि पहले कोरोना ने शादियों के उल्लास को फीका कर दिया। उसके बाद लोकाचार, पूजा पाठ में भी व्यवधान डाला जा रहा है। अब सिर्फ रस्म अदायगी करने यहां आए हैं। पुलिस इसके लिए भी मना कर रही है।

वाराणसी में घाटों पर मंगलवार सुबह कुछ लोग स्नान करते दिखे। उन्हें पुलिस द्वारा रोका गया।

60 पुरोहितों के परिवार पर संकट
घाट पर पूजन और अनुष्ठान, कर्मकांड कराने वाली महिला ब्राह्मण ने बताया कि बाहरी पर्यटक, दर्शनार्थियों का आना बंद होने से रोजी रोटी का संकट आ गया है। स्थिति ऐसी हो गयी कि एक जजमान से मिलने वाला पैसा 3 लोगों में आपस में बांटना पड़ रहा है। पहले राजेन्द्र प्रसाद घाट गद्दी से ही सब चलता था। अब घूमना पड़ता है कि जजमान मिल जाए। 60 ब्राह्मण तो अगल बगल घाटों को मिलाकर होंगे। ऐसे ही 250 से ज्यादा परिवार इसी रोजगार से जुड़े हैं, जिनके परिवार में अब खाने पीने जीने की दिक्कतें आने लगी हैं।


#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !