इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज 22 जुलाई से सिर्फ वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही होगी सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार, 22 जुलाई से सिर्फ वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही सुनवाई होगी। इसके लिए पहले से नियम तय हैं। इसी क्रम में मुकदमों का दाखिला भी ई-फाइलिंग से ही होगा।
अगले आदेश तक खुली अदालत में मुकदमों की सुनवाई पूरी तरह से ठप रहेगी। इस बार हाईकोर्ट ने व्यवस्था में बदलाव करते हुए 22 जुलाई से अगले आदेश तक सिर्फ वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुकदमों की सुनवाई का निर्णय लिया है।

इतना ही नहीं सिर्फ उन्हीं पुराने मुकदमों में सुनवाई होगी जिनमें अर्जेंसी एप्लीकेशन दी जाएगी। अर्जेंसी एप्लीकेशन स्वीकृत होने के बाद ही मुकदमा सुनवाई के लिए लिस्ट होगा। फ्रेश मुकदमों में अर्जेंसी एप्लीकेशन देने की आवश्यकता नहीं होगी। नए मुकदमे सिर्फ ई फाइलिंग के जरिए ही स्वीकार किए जाएंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई के लिए पूर्व में जारी अन्य आदेश लागू रहेंगे।

वकीलों की सुविधा के लिए हाईकोर्ट ने ऑन साइट और ऑफ साइट सुनवाई की व्यवस्था लागू की है। ऑन साइट के तहत गेट संख्या तीन ए और तीन बी तथा गेट संख्या पांच तथा स्टेडियम साइड में वीडियो कांफ्रेंसिंग क्यूब बनाए गए हैं। हर क्यूब को एक कोर्ट रूम के लिए एलाट किया गया है जिसकी सूचना उस क्यूब के बाहर लिखी होगी। यह हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध रहेगी। हाईकोर्ट से सीधे लिंक होने के कारण क्यूब में नेटवर्क की दिक्कत नहीं होगी। वकील अपने मुकदमे के नंबर के अनुसार इन क्यूब से बहस कर सकेंगे।

वहीं ऑफ साइड व्यवस्था में शहर में चिन्हित आठ ई सुविधा केंद्रों में जाकर भी वकील मुकदमों में बहस कर सकतें हैं। इसके अलावा अपने घर से वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुकदमे में बहस का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा।

मुकदमे की सुनवाई के लिए हर उस अधिवक्ता के मोबाइल फोन पर वेब लिंक भेजा जाएगा जिसका मुकदमा उस दिन सूचीबद्ध है। उसे दिए गए समय के भीतर इस लिंक के जरिए हाईकोर्ट से जुड़ना होना। मुकदमों की निर्बाध सुनवाई के लिए सभी वकीलों को अपने मोबाइल, लैपटॉप या डेस्क टॉप, टेबलेट में गूगल क्रोम डाउनलोड करने की सलाह दी गई है।

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