यूपी के राजकीय होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर समेत सूबे के नौ मेडिकल कॉलेजों के 196 संविदा शिक्षकों की सेवा समाप्त हो गई है। शिक्षकों की सेवा समाप्ति के बाद कॉलेज में पढ़ रहे सैकड़ों बच्चों के साथ ही शिक्षकों का भविष्य भी अधर में लटक गया है। राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में पढ़ाई साल 2019 से शुरू हुई। मेडिकल कॉलेज में शिक्षकों के कुल 24 स्थायी पद हैं। इन पदों पर शासन ने 12 महीने के लिए संविदा पर शिक्षकों की तैनाती की है। इनमें 12 पद एसोसिएट प्रोफेसर और 12 पद प्रवक्ता के हैं।
इसके बाद 100 छात्रों का दाखिला हुआ, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण पिछले तीन माह से पढ़ाई बंद है। ऐसे में शिक्षकों की ड्यूटी आर्सेनिक अल्बम-30 बांटने में लगा दी गई। इस बीच शिक्षक ऑनलाइन छात्रों को पढ़ाते भी रहे, लेकिन आठ जून और 30 जून को इन शिक्षकों की सेवा समाप्त हो गई।
सेवा समाप्ति के बाद कॉलेज के प्राचार्य ने निदेशालय को पत्र भेजा, लेकिन निदेशालय ने मामले को संज्ञान में नहीं लिया। इसकी वजह से गोरखपुर के 24 शिक्षकों समेत सूबे के सभी नौ कॉलेजों के 196 शिक्षकों की सेवा समाप्त हो गई। गोरखपुर होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में ओपीडी को सुचारु रखने के लिए चार होम्योपैथी मेडिकल अफसरों की तैनाती की गई है। इन डॉक्टरों की भी सेवा 31 जुलाई को समाप्त हो रही है। इनका भी नवीनीकरण नहीं हुआ तो ओपीडी भी ठप हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश होम्योपैथी संविदा शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव डॉ. सत्य प्रकाश राय ने कहा कि नवीनीकरण न होने से राजकीय होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में शिक्षकों की सेवा समाप्त हो चुकी है। छात्रों का स्लेबस भी अधूरा है। शिक्षकों के न रहने से परेशानी होगी।
उत्तर प्रदेश होम्योपैथी संविदा शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव डॉ. सत्य प्रकाश राय ने कहा कि नवीनीकरण न होने से राजकीय होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में शिक्षकों की सेवा समाप्त हो चुकी है। छात्रों का स्लेबस भी अधूरा है। शिक्षकों के न रहने से परेशानी होगी।