देश में कोरोना महामारी के बढ़ती संख्या के बीच जहां एक तरफ़ सभी समुदायों के त्यौहार पर इसका गहरा असर पड़ा हैैं , इस कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में सभी धार्मिक एवं सामाजिक गतिविधियों को प्रतिबंध कर कोरोनावायरस के रोकने का किया जा रहा है ।
जानें गुरु पूर्णिमा का क्या हैं ? धार्मिक महत्व
आप मनाएं, न मनाएं, लेकिन यह जान लीजिए कि गुरु पूर्णिमा ऐतिहासिक भी है और पौराणिक भी। अगली कुछ लाइनों के जरिए आपको इसी एहसास से गुजारने की कोशिश करते हैं...
...तो बात शुरू करते हैं आदि गुरु भगवान शिव से। कोई 15 हजार साल पहले गुरु पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने सप्तऋषियों को शिष्य बनाया और यौगिक विज्ञान समझाया। मौसम बीते, साल गुजरे, सदियां बीतीं और वही यौगिक विज्ञान आज का योग बन गया।
इसी तरह 2500 साल पहले गुरु पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश पांच शिष्यों को दिया। यह धर्मचक्र प्रवर्तन कहलाया। जैन धर्म में भी यह दिन खास है। गुरु पूर्णिमा के दिन ही भगवान महावीर ने पहला शिष्य बनाया और सत्य, अहिंसा का उपदेश दिया। इसी दिन महर्षि वेद व्यास जन्मे। वही वेद व्यास, जिन्होंने वेदों को चार हिस्सों में बांटा, महाभारत भी लिखा है.