राजस्थान में कांग्रेस की कलह कठघरे तक जरूर पहुंच गई है, लेकिन दो दिन तक नेताओं के लिए बयानबाजी पर लौटने का पूरा स्कोप जारी रहेगा। दरअसल, पायलट खेमे के 19 विधायकों को स्पीकर सी.पी जोशी ने नोटिस भेजा था। इसके खिलाफ बागी विधायक हाईकोर्ट पहुंच गए थे, जहां सुनवाई सोमवार तक टल गई है। हाईकोर्ट ने स्पीकर को विधायकों के बारे में फैसला करने से मंगलवार शाम तक के लिए रोक दिया है। जिक्र बयानों का हो रहा है, तो पायलट की बात कर लेते हैं। वे दो दिन पहले तक इंटरव्यू दे रहे थे, लेकिन अब कोई बड़ा बयान नहीं दे रहे।
लोगों की नजर गहलोत और पायलट पर है, लेकिन चर्चा में दो नाम और हैं। पहला नाम है- पूर्व सीएम वसुंधरा राजे। पिछले आठ दिन से सियासत जोरों पर है, लेकिन वसुंधरा ने चुप्पी साध रखी है। उन पर गहलोत सरकार को बचाने के आरोप लग रहे हैं। भाजपा के 72 में से 45 विधायक वसुंधरा समर्थक बताए जा रहे हैं। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के चीफ भी वसुंधरा के भरोसेमंद माने जाते हैं।
दूसरा नाम है- गजेंद्र सिंह शेखावत। वे केंद्रीय मंत्री हैं। गहलोत सरकार का दावा है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा जो ऑडियो गुरुवार को लीक हुआ, उसमें एक आवाज गजेंद्र सिंह शेखावत की है। वसुंधरा विरोधी गुट के माने जाने वाले शेखावत इस दावे को खारिज कर रहे हैं।