वाराणसी संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने भी यूजीसी की जारी की गई न्यू गाइड लाइन के आधार पर शास्त्री (ग्रेजुएट) की तीसरे या अंतिम साल की और आचार्य (पोस्ट ग्रेजुएट) के लास्ट या फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा कराने का फैसला किया है. संस्कृत विश्वविद्यालय इन परीक्षाओं को सितम्बर के दूसरे सप्ताह में आयोजित करवाएगा. विश्वविद्यालय इन परीक्षाओं का आयोजन ऑफलाइन मोड में ही करवाने जा रहा है. आपको यह जानकारी ही है कि यूजीसी की जारी हुई न्यू गाइड लाइन के अनुसार ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की लास्ट ईयर की परीक्षाएं यूनिवर्सिटियों को 30 सितम्बर 2020 तक पूरी करवाना है.


 यूजीसी की न्यू गाइड लाइन के तहत ही प्रदेश शासन ने भी सभी विश्वविद्यालयों को अपने सुझाव भेज चुका है. वहीँ यूजीसी की गाइड लाइन और शासन के दिए गए सुझावों के आधार पर संपूर्णानंद विश्वविद्यालय ने शास्त्री प्रथम वर्ष, शास्त्री द्वितीय वर्ष और आचार्य प्रथम, द्वितीय और तृतीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा में प्रमोट करने का भी फैसला किया गया है.

कार्य योजना बनाने के लिए बनाई गए थी 3 सदस्यीय समिति

यूजीसी के न्यू गाइड लाइन और शासन के सुझावों का पालन कर कार्य योजना बनाने के लिए विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक विशेश्वर प्रसाद ने 3 सदस्यों की एक समिति का गठन किया था. इस समिति ने अपनी रिपोर्ट मंगलवार को परीक्षा नियंत्रक को सौंप दिया. समिति ने अपनी रिपोर्ट में यूजीसी की गाइड लाइन और शासन का सुझाव हूबहू मान लिया है.

समिति की रिपोर्ट के कुछ महत्व बिंदु

  • समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि किन्हीं कारणवश अंतिम वर्ष के छात्र / छात्रा परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते हैं तो उनके लिए विशेष परीक्षा का आयोजन होगा.
  • ग्रेजुएट के पहले और दूसरे साल की परीक्षाएं इस साल आयोजित नहीं की जाएंगी.
  • पहले साल के छात्रों को दूसरे साल के आधार पर औसत अंक दिया जाएगा. इसी प्रकार पहले सेमेस्टर के छात्रों को दूसरे सेमेस्टर के आधार पर औसत अंक दिया जाएगा.
  • दूसरे साल, सेकंड सेमेस्टर और थर्ड सेमेस्टर के छात्रों को 2019 की परीक्षा के औसत के आधार पर अंक दिया जाएगा.
  • परीक्षा समिति और कार्यपरिषद के अनुमोदन के बाद ही छात्रों को प्रमोट किया जाएगा.